[ad_1]
Rahul Gandhi Samajik Nyay Sammelan: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जाति जनगणना उनकी जिंदगी का मिशन है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी केंद्र की सत्ता में आई तो सबसे पहला काम जाति जनगणना करवाने का किया जाएगा। उन्होंने बुधवार को नई दिल्ली में ‘समृद्ध भारत’ नामक संगठन की ओर से आयोजित सामाजिक न्याय सम्मेलन में मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी के लिए न्याय ‘‘मेरी जिंदगी का मिशन बन गया है।’’
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का क्रांतिकारी घोषणापत्र पढ़ने के बाद मोदी घबरा गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने व्यापारियों को 16 लाख करोड़ रुपये नितरित किए हैं। अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो उस पैसे को फिर से जनता के बीच बांटेंगे।
गांधी ने कहा, “जाति जनगणना मेरे लिए राजनीति नहीं है, यह मेरे जीवन का मिशन है। दुनिया की कोई भी ताकत जाति जनगणना को नहीं रोक सकती। जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो जनगणना पहला काम होगा जो हम करेंगे। यह मेरी गारंटी है।” राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘मोदी ने देश से 10 साल पहले कहा कि वह ओबीसी हैं। जैसे ही मैंने जाति आधारित जनगणना और एक एक्सरे की बात की तो नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि जाति ही नहीं होती है। अगर जाति नहीं है तो आप ओबीसी कैसे हैं? आपको उसी समय कहना चाहिए था कि मेरी कोई जाति नहीं है।’’
गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र का लक्ष्य भाजपा द्वारा 22-25 बड़े व्यापारियों को ऋण माफी के रूप में दिए गए 16 लाख करोड़ रुपये के एक बड़े हिस्से को फिर से आम लोगों में बांटकर 90 फीसदी भारतीयों को राहत देना है।
संपत्ति के बंटवारे के विवाद पर उन्होंने कहा, “मैंने अभी तक यह नहीं कहा है कि हम संपत्ति के बंटवारे पर कार्रवाई करेंगे… मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि इस बात की जानकारी ली जाएगी कि कितना अन्याय हुआ है।” उन्होंने कहा कि जाति जनगणना सिर्फ एक जाति सर्वेक्षण नहीं है बल्कि इसमें आर्थिक और संस्थागत घटक भी शामिल किए जाएंगे, जिससे खुलासा हो सकेगा कि कौन से समुदाय सबसे ज्यादा लाभान्वित हो रहे हैं या हुए हैं और सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए समाज में क्या किए जाने की आवश्यकता है। गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा दलितों और आदिवासियों के इतिहास को “मिटाना” चाह रही है लेकिन ऐसा नहीं होने देंगे।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें जाति में दिलचस्पी नहीं है, बल्कि “न्याय” में दिलचस्पी है। उन्होंने मोदी से उनकी ओबीसी स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी पिछले दस वर्षों से कह रहे हैं कि वह ओबीसी हैं, लेकिन जब मैंने जाति जनगणना के बारे में बात की, तो मोदी कह रहे हैं कि कोई जाति नहीं होती है, अगर कोई जाति नहीं होती है तो आप ओबीसी कैसे हैं? मोदी ने कहा कि भारत में दो ही जातियां हैं गरीब और अमीर…तो गरीब और अमीर की लिस्ट निकालो। गरीबों की सूची में ओबीसी, दलित, आदिवासी तो मिल जाएंगे लेकिन अमीरों की सूची में नहीं मिलेंगे।”
राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह पर राहुल ने कहा, “राम मंदिर और संसद भवन उद्घाटन में एक भी दलित, आदिवासी को नहीं देखा गया। 90% आबादी इस बात को समझ रही है।” राहुल ने 22 जनवरी को आयोजित राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अलग रखने पर भी भाजपा पर कटाक्ष किया। उन्होंने यह भी कहा कि देश की मीडिया उन्हें “गैर-गंभीर” राजनेता के रूप में चित्रित करती है। इसके अलावा मनरेगा, भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ लड़ाई, ‘न्यामगिरि’ और ‘भट्टा पारसौल’ के मुद्दे को भी मीडिया गंभीर मुद्दों के रूप में नहीं दिखाती है, जबकि अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, विराट कोहली को गंभीर मुद्दा मानती है।
राहुल ने कहा, “मीडिया में काम करने वाले लोगों की भी जांच कराई। वहां एक भी ओबीसी, दलित, आदिवासी नहीं है जो बड़ा एंकर हो… इसलिए लाउडस्पीकर आपके पास नहीं है। मीडिया में उन लोगों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिनका पैसा मीडिया में जाता है। सरकारें पैसा देती हैं जीएसटी में किसका पैसा आता है, ये 90 फीसदी जनता का पैसा है।”
गांधी ने आगे कहा, मैंने न्यायपालिका को भी देखा, देश में हाई कोर्ट के 650 जज हैं लेकिन 90 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व 100 जजों द्वारा किया जा रहा है। यह बहुत छोटा आंकड़ा है और जब हम सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचते हैं, तो वहां यह आंकड़ा भी गायब हो जाता है।
[ad_2]
Source link