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दिल्ली में लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से कांग्रेस में कलह मची है। कहीं पार्टी के कार्यकर्ता उम्मीदवारों का विरोध कर रहे हैं तो कहीं नेता पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। 15 साल तक शीला सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
दिल्ली कांग्रेस में असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। शीला दीक्षित सरकार में 15 साल तक मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली से टिकट नहीं मिलने से आहत थे। उन्होंने अपने इस्तीफे का एक मुख्य कारण प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के व्यवहार को भी बताया है। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने से पहले कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार में 15 साल मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली से टिकट के दावेदार थे। कांग्रेस ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली से उदित राज को चुनावी मैदान में उतारा है।उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज का विरोध कर रहे पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान के विरुद्ध पार्टी फोरम में शिकायत की गई थी। नरेंद्र नाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने पार्टी कार्यालय में एक बैठक की थी। जहां चौहान के खिलाफ मिली शिकायत पर कार्रवाई का निर्णय एआइसीसी पर छोड़ दिया गया। पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान पर उदित राज के खिलाफ गलत बोलने का आरोप लगा था। मालूम हो कि इस बार दिल्ली की सभी सात सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही है। इसमें आप ने चार और कांग्रेस ने तीन लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए तीन सीटों में से उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार, चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से उदित राज को प्रत्याशी बनाया है। इनमें से कन्हैया कुमार और उदित राज को बाहर का प्रत्याशी बताकर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उनका विरोध किया जा रहा है। दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होगी, जबकि मतगणना 4 जून को होगी।
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