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नई दिल्ली56 मिनट पहले
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने फिनटेक फर्म पेयू (PayU) को पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए इन-प्रिंसिपल मंजूरी दे दी है। कंपनी अब अपने प्लेटफार्म से नए मर्चेंट्स को जोड़ सकेगी है। यानी अब यह दूसरे UPI ऐप जैसे फोनपे- गूगल-पे और पेटीएम की तरह QR कोड के जरिए पेमेंट रिसीव कर सकेगा।
इन-प्रिंसिपल मंजूरी फाइनल लाइसेंस नहीं है। यह केवल कंपनियों को 6 से 12 महीने तक काम करने की मंजूरी मिल जाती है। अब कंपनी अपने बिजनेस को आगे बढ़ा सकेगी। जनवरी 2023 में RBI ने कंपनी को पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने की मंजूरी देने से मना कर दिया था।
पेमेंट एग्रीगेटर क्या है?
पेमेंट एग्रीगेटर एक थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर है, जो ग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट करने और मर्चेंट्स को पेमेंट लेने की सुविधा देता है। पेमेंट एग्रीगेटर अपने ग्राहकों को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, कार्डलेस EMI, UPI, बैंक ट्रांसफर और ई-वॉलेट जैसे पेमेंट मोड्स से पेमेंट करने की सुविधा देता है।
ग्लोबल इनवेस्टमेंट ग्रुप पोरस है इन्वेस्टर
पिछले साल RBI ने कहा था कंपनी (PayU) का कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर काफी जटिल है, इसे आसान करके फिर से अप्लाय करें। सेंट्रल बैंक ने कंपनी को नए कस्टमर्स जोड़ने पर भी रोक लगा दी थी। कंपनी में ग्लोबल इनवेस्टमेंट ग्रुप पोरस बड़ा निवेशक है।
फिनटेक कंपनी क्रेड को भी मिली RBI की मंजूरी
इससे पहले पेटीएम, रेजरपे और कैशफ्री को भी RBI ने मंजूरी देने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में रेजरपे और कैशफ्री इसके लिए मंजूरी मिल गई थी। वहीं मनी कंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एक अन्य फिन टेक कंपनी क्रेड (CRED) को भी इसके लिए RBI की मंजूरी मिली है।
FY24 की पहली छमाही में ₹1,757 करोड़ की कमाई
वित्त वर्ष 2022-23 में पेयू (PayU) इंडिया ने 399 मिलियन डॉलर (करीब ₹3,323 करोड़) की कमाई की थी। वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले यह 31% ज्यादा था। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही (अप्रैल23-सितंबर23) में कंपनी की कोर पेमेंट बिजनेस से आय 15% बढ़कर 211 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,757 करोड़) रही थी।
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मार्च 2024 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए ट्रांजैक्शन का नया रिकॉर्ड बना है। इस दौरान 1,344 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए 19.78 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। पिछले महीने यानी फरवरी 2024 में UPI के जरिए 1,201 करोड़ लेनदेन हुए, जिसके जरिए 18.28 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
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