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बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया
– फोटो : अमर उजाला
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लोकसभा चुनाव में भले ही बसपा अलीगढ़ सीट पर वर्ष 2009 के बाद से जीत दर्ज न कर सकी हो, मगर कॉडर पर आज भी पकड़ कमजोर नहीं हुई है। पिछले चुनावों की बात करें तो वर्ष 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा अलीगढ़ में दूसरे स्थान पर रही है। इस बार के लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं के जोश को देखकर बसपा प्रमुख मायावती भी काफी खुश नजर आईं। इससे साफ पता चलता है कि बसपा ने अपनी जमीनी पकड़ को कमजोर नहीं होने दिया है।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा से राजकुमारी चौहान ने जीत दर्ज की थी। अलीगढ़ में बसपा की यह पहली जीत थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में पार्टी कमजोर नहीं हुई। बसपा के डॉ. अरविंद कुमार सिंह दूसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2019 के चुनाव में बसपा से डॉ. अजीत बलियान भी दूसरे नंबर पर रहे। उन्हें करीब चार लाख से अधिक वोट मिले थे। लगातार दो चुनाव में बसपा भले ही न जीत सकी हो, मगर दूसरे नंबर पर रहकर भाजपा को टक्कर देती नजर आई।
इस बार हितेंद्र उपाध्याय उर्फ बंटी मैदान में हैं। उनके समर्थन में 23 अप्रैल को बसपा प्रमुख ने जनसभा की। सभा में भीड़ का जोश देखते ही बन रहा था। इससे साफ पता चलता है कि बसपा प्रमुख की आज भी अपने कॉडर पर पकड़ मजबूत है। चुनावी रैली में बसपा प्रमुख ने सर्वजन हिताय का भी कार्ड खेला। कहा कि वह सर्व समाज को साथ में लेकर चलती हैं उन्होंने मेरठ का उदाहरण दिया कि वहां कई बार से मुस्लिम प्रत्याशी उतरते थे, मगर इस बार ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी को उतारा है। यही अलीगढ़ में हुआ।
पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा की स्थिति
वर्ष, विजेता प्रत्याशी का नाम, पार्टी, उपविजेता, पार्टी, मिले मत, उपविजेता, मिले मत
- 2009- राजकुमारी चौहान, बसपा, शीला गौतम, भाजपा
- 2014 – सतीश कुमार गौतम, भाजपा, 5,14,922, डॉ. अरविंद कुमार सिंह, 2,27,886
- 2019 – सतीश कुमार गौतम, 6,56,215 डॉ. अजित बलियान, 426954
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