[ad_1]
Muslims Condition: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भारत कब स्थायी सदस्य बनेगा यह तो क्लियर नहीं है, लेकिन चर्चा हमेशा बनी रहती है. हाल के दिनों में दुनिया के बड़े बिजनेसमैन एलन मस्क ने कहा भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन चुका है और वह यूनाइटेड नेशन का स्थायी सदस्य नहीं है. इस पर एलन मस्क ने चिंता जाहिर की और संयुक्त राष्ट्र में भारत को स्थायी सदस्यता देने की वकालत की. इसको लेकर अब पाकिस्तान में चर्चा तेज हो गई है.
पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने जब पाकिस्तान की आवाम से सवाल किया कि क्या भारत को यूनाइटेड नेशन का सदस्य बनाना चाहिए या नहीं? इसका जवाब देते हुए एक पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि यूनाइटेड नेशन का सदस्य बनने के लिए पहले उस देश में काबिलियत होना चाहिए जो भारत में नहीं है. पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि भारत में मानवता ही नहीं है. वहां पर मुसलमानों को तंग किया जाता है. पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि भारत में आज मुसलमानों की हालत बहुत खराब हो चुकी है, ऐसे में भारत यूनाइटेड नेशन का सदस्य बनाना खतरनाक हो सकता है.
पाकिस्तान में उइगर मुसलमानों को दिखाया जाता है खुश
इस पर शोएब चौधरी ने कहा कि चीन में उइगर मुसलमानों की हालत कितनी खराब है क्या आपको मालूम है, जबिक चीन यूनाइटेड नेशन का सदस्य है. इसका जवाब देते हुए पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि जो पाकिस्तान की मीडिया में दिखाया जाता है उसके हिसाब से तो भारत के मुसलमानों से चीन के मुसलमान काफी खुश हैं. वहीं एक दूसरे पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि भारत में ह्यूमन राइट्स के मुद्दे बहुत सामने आते हैं, यूनाइटेड नेशन का सदस्य बनाने से पहले भारत को कहना चाहिए कि पहले अपने अंदर वह काबिलियत लाए.
भारत और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति
इस तरह से पाकिस्तानियों के जवाब के बाद शोएब ने पूछा कि भारत में अल्पसंख्यकों के आज क्या हालात हैं? देश की आजादी की समय पाकिस्तान में करीब 15 फीसदी हिंदू थे जो आज 1-2 प्रतिशत बचे हैं, जबकि भारत में मुसलमानों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी हैं. इसपर पाकिस्तानी शख्स गोलमोल जवाब देने लगा. पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि पाकिस्तान के हिंदू बाद में कहीं चले गए, क्योंकि वह शुरू में नहीं जा पाए थे. वहीं भारत के मुसलमान पाकिस्तान नहीं आए क्योंकि वह आना नहीं चाहते थे.
यह भी पढ़ेंः साइबर वॉर की तैयारी में चीन! शी जिनपिंग के इस ऐलान ने बढ़ाई दुनिया की टेंशन
[ad_2]
Source link