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सोनीपत पुलिस नें देशभर में 2473 लोगों से तकरीबन 8 करोड़ 78 लाख रुपए की ठगी (डिजिटल अरेस्ट) करने वाले गिरोह के 9 सदस्यों को राजस्थान के लालसोठ से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से नकदी, मोबाइल, चेकबुक व एटीएम कार्ड बरामद किये। जिसके बाद सभी आरोपि
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एक महिला से किये 6.85 लाख की ठगी
इस प्रकरण की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि गत 4 अक्टूबर 2024 को इंद्राणी पुत्री स्व. देवाशीष निवासी सेक्टर 35 सोनीपत ने थाना साइबर थाना सोनीपत में शिकायत दी थी कि मेरे पास 01 नवम्बर 2024 को एक नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने दावा किया कि वह जाँच एजेंसी सीबीआई से बात कर रहा है और उसने कहा कि मैंने गलत तरीकों से रुपए का लेन देन कर रखा है। आरोपी ने पीड़ित को डरा धमका कर डिजिटल अरेस्ट का डर दिखा कर उससे 6 लाख 85 हजार रुपए ठग लिये। इस घटना का भारतीय न्याय संहिता के अन्तर्गत थाना साइबर सोनीपत में अभियोग दर्ज किया गया था।
राजस्थान के लालसोठ से हुए गिरफ्तार
इस प्रकरण की विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त पूर्वी सोनीपत प्रबीना पी. IPS ने बताया की साइबर थाना प्रबन्धक निरीक्षक बसंत कुमार की पुलिस टीम जिसमें ASI संदीप, ASI गिरीश, मुख्य सिपाही गुलशन, मुख्य सिपाही जितेंद्र व सिपाही राजीव ने वर्ष 2024 के अक्टूबर महीने में थाना साइबर सोनीपत में दर्ज साइबर फ्रॉड के एक मुकदमे में कुशलता से कार्रवाई करते हुए 9 साइबर अपराधियों को राजस्थान राज्य के लालसोठ से गिरफ्तार किया है।
आरोपियों से बरामद नगदी, फोन और चेक बुक
गिरफ्तार आरोपियों से रिमांड अवधि में 3 लाख 36 हजार रुपए नकद, 11 मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड व चेक बुक भी बरामद की गयी है। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों को न्यायालय के आदेश से पुलिस रिमांड पर लेकर उनसे गहनता से पूछताछ की गई है व बाद में सभी आरोपी न्यायिक हिरासत जेल भेज दिए हैं।
साइबर ठगी को बनाया पेशा
ICCCC से प्राप्त डाटा के अनुसार आरोपियों के खिलाफ पूरे भारत में कुल 2473 शिकायतें व 95 मुकदमे दर्ज पाए गये हैं। इन शिकायतों/मुकदमों में ज्यादातर डिजिटल अरेस्ट, WHATSAPP या टेलीग्राम पर लिंक भेजकर पार्ट टाईम जॉब, ऑनलाइन ट्रेडिंग की ट्रेनिंग के नाम पर, स्टॉक इन्वेस्टमेंट की नई-नई स्कीम बताकर आदि अलग-अलग तरीके से फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी करने के मामले हैं।
लोगों को फोन पर डराते हैं आरोपी
पुलिस उपायुक्त पूर्वी सोनीपत प्रबीना पी. IPS नें बताया कि डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनके नाम से कोई शिकायत दर्ज हुई है। झूठे मामले को लेकर पीड़ित को पहले काफी डराया जाता है, जिससे वह घबरा जाता है। इसके बाद उन्हें घर से बाहर निकलने से मना कर दिया जाता है। दूसरा फोन कॉल कर के पीड़ितों को मदद देने का आश्वासन दिया जाता है।
डर कर लोग होते हैं ठगी का शिकार
मदद मानकर पीड़ित ठगों की कही हुई हर बात को फॉलो करता है। ठग पीड़ितों को एक एप डाउनलोड करने को कहते हैं। लगातार उस एप के जरिए पीड़ित से जुड़े रहते हैं। कुछ देर बाद वह केस को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित से कुछ पैसे मांगते हैं। पीड़ित को इतना डरा दिया जाता है कि वह अपने स्वजन और करीबियों से भी इस तरह की बातें बताने में घबराने लगता है।
गिरफ्तार किये गये आरोपियों की फोटो
ऐसे मामलों में तुरंत करें शिकायत
अगर कोई आपको पुलिस या CBI अधिकारी बनकर डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने की धमकी देता है, तो सबसे पहले आपको अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को सूचित करना चाहिए। तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत करानी चाहिए, इस बात से नहीं डरना चाहिए कि पुलिस आपके खिलाफ कोई एक्शन लेगी। आप तुरंत साइबर हेल्पलाइन न0 1930 डायल करके मामले की शिकायत कर सकते हैं।
घटना में गिरफ्तार आरोपियों का विवरण-
1. मोसिन सतर सयद पुत्र सतर सयद निवासी मगंलवार पेट सांगली, महाराष्ट्र 2. विरानी विवेक नाथाभाई पुत्र नाथाभाई निवासी धर्ममिस्ठा पार्क सोसायटी सुरत, गुजरात 3.सर्वण उर्फ काकू पुत्र रामनिवास निवासी गाँव ढाणिया लवेरा खुर्द जोधपुर, राजस्थान 4. विनेश टांक पुत्र योगेश भाई निवासी सुरत, गुजरात 5.आकाश गोयानी पुत्र जेसू भाई निवासी शिव नगर सुदामा चौंक सुरत, राजस्थान 6. तुसार प्रताप पुत्र विरेन प्रताप निवासी सराया हसनगंज लखनऊ, उतरप्रदेश 7.बिल्ली मोरिया मोहम्मद अमन मोहम्मद आसिफ पुत्र मोहम्मद आसिफ निवासी दस्तीपुरा बाजार सुरत, गुजरात 8.मुकेश पुत्र मेघाराम निवासी बुडिया की बासनी, जोधपुर राजस्थान 9. प्रवीण चौधरी पुत्र भवर लाल निवासी बुडिया की बासनी, जोधपुर राजस्थान
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