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झारखंड के नेताओं के घरों से 350 करोड़ रुपए निकलते हैं। मेरा तो सिर शर्म से झुक जाता है कि ये नेता हैं या डाकू? झारखंड खनिज संपदा से संपन्न राज्य है, लेकिन यहां केंद्र की योजनाओं का पैसा खा गए।
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झारखंड में राजनीतिक स्थायित्व की कमी है। रघुवर सरकार में पांच साल NDA ने विकास के कार्य किए। हेमंत सोरेन को मौका मिला, लेकिन उन्होंने गंवा दिया।
यह कहना है केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान का। उन्होंने भास्कर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने राजनीति के हर दांव-पेंच का जवाब दिया।
सवाल : सत्ता पक्ष का आरोप है कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है? जवाब : जांच एजेंसियां सूचनाओं के आधार पर स्वत: कार्रवाई करती हैं। केंद्र सरकार का कोई लेना-देना नहीं होता है। मैं इतना ही कहूंगा कि झारखंड में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। इससे तकलीफ होती है। जल जीवन मिशन व मनरेगा सहित सारी केंद्रीय योजनाओं के पैसे खा गई राज्य सरकार। मैं तो यही कहूंगा कि जहां भ्रष्टाचार होता है, घोटाला होता है, वहां कार्रवाई तो होती ही है।
सवाल : भाजपा के लिए शुरू से झारखंड सेफ जोन रहा है, अब इतनी मशक्कत क्यों करनी पड़ रही है? जवाब : हर चुनाव मशक्कत वाला होता है। मुद्दे अलग-अलग होते हैं। भाजपा सिर्फ झारखंड में ही नहीं, जहां भी चुनाव लड़ती है गंभीरता से लड़ती है। झारखंड में हम आज भी मजबूत है। 2014 में हमने सरकार बनाई। 2019 में थोड़ी कमी रही। इस बार फिर हम सरकार बना रहे हैं।
सवाल : इस बार प्रदेश भाजपा का नेतृत्व कहीं नहीं है? जवाब : भाजपा का प्रदेश नेतृत्व बहुत मजबूत है। बाबूलाल मरांडी अध्यक्ष है। उनके नेतृत्व में प्रदेश के सभी नेता अलग-अलग अंचलों में पूरी ताकत से काम कर रहे हैं। अमर बाउरी, अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी सहित पार्टी के सारे सांसद, बूथ स्तर के कार्यकर्ता और मंडल अध्यक्ष सभी काम में लगे हुए हैं। हमलोग तो सिर्फ सहयोग करने आए हैं।
सवाल : क्या भाजपा सीएम का चेहरा खोलने से डरती है? जवाब : ऐसा नहीं है। चुनाव की रणनीति होती है। इस बार आप भाजपा में देखेंगे कि हमने राजस्थान, मध्यप्रदेश में सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया। बाद में पार्टी जीती और नेता चुना गया।
सवाल : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व विधायक दल के नेता दोनों अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में फंसे हुए हैं? जवाब : मैं इसे नहीं मानता। बाबूलाल जी लगातार दौरे कर रहे हैं। अमर बाउरी चुनाव जीतेंगे। हां, चुनाव तो चुनाव होता है, इसलिए उसे गंभीरता से लड़ना चाहिए। हमारा हर कार्यकर्ता 81 विधानसभा सीटों पर लगा हुआ है।
सवाल : हेमंत सोरेन का आरोप है कि केंद्र ने 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए झारखंड को नहीं दिया? जवाब : जो पैसा केंद्र देगा, उसकी जांच तो होगी ही। जब जांच होती है तो चिल्लाने लगते हैं। जल जीवन मिशन का पैसा मिला, बेरहमी से खा गए। 3 लाख आठ हजार करोड़ प्रधानमंत्री ने झारखंड को दिए। जब यूपीए की सरकार थी, तब 80 हजार करोड़ से ज्यादा कभी नहीं मिला।
सवाल : झारखंड में यूसीसी कैसे लागू करेंगे? जवाब : हेमंत रहेंगे नहीं। एनडीए की सरकार आएगी। केंद्र में भी एनडीए की सरकार है। देखिए, हम आदिवासियों की परंपराओं को संरक्षित करते हुए यूसीसी को लागू करेंगे।
सवाल : इस बार चुनाव में एचईसी मुद्दा नहीं है? जवाब : एचईसी पर गंभीरता से विचार कर रहे है, उसका पुनरुद्धार करेंगे। किसी का रोजगार नहीं छिनने देंगे। हमारे संकल्प पत्र में रोजगार के अवसर, विकास के लिए इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट की बात कही गई है। उद्योगों को भी बढ़ाने की बात हमने कही है।
सवाल : राहुल गांधी कहते हैं कि भाजपा बड़े लोगों का कर्ज माफ करती है? जवाब : कांग्रेस पहले बताए कि गरीब को नि:शुल्क राशन किसने दिया। चार करोड़ मकान बना कर किसको दिए। हमने तो स्ट्रीट वेंडर के लिए भी योजना लाई। फुटपाथ पर रोजगार करने वालों को 10 हजार रुपए लोन बिना ब्याज का दिया। एनडीए गरीबों के लिए ऐसी 150 योजनाएं लाई।
सवाल : असम और बंगाल में भी बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, इनकी तुलना में झारखंड की स्थिति कैसी है? जवाब : अंतर सिर्फ एक है। हेमंत सरकार और असम की तरुण गोगई सरकार घुसपैठियों की संरक्षक थी। इनके लिए ये वोट बैंक हैं। असम में हिमंता के सीएम बनने के बाद घुसपैठियों को रोका गया। यहां की भी डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। अगर यह जारी रहा तो झारखंड बर्बाद हो जाएगा। इसे धर्म से जोड़कर मत देखिए। घुसपैठिए यहां की बेटी को भ्रमित कर उससे शादी कर जमीन हड़पते हैं। फिर पंचायतों में घुसपैठ करते हैं। ये खतरनाक खेल है।
सवाल : भाजपा सरकार बनाने के बाद गोगो दीदी जैसी योजनाओं के लिए पैसे कहां से लाएगी? जवाब : हमने अपने सभी संकल्पों का पहले ही वित्तीय आकलन किया है। सभी योजनाओं के खर्च पर पहले केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है, तब हमने घोषणा की है। झारखंड संसाधन से भरा राज्य है, यहां के संसाधनों का ठीक से उपयोग किया जाए तो यहां धन की कोई कमी होगी ही नहीं।
सवाल : किसानों के लिए क्या करेंगे? जवाब : झारखंड में हम सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। किसानों से धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदे जाएंगे। किसान जो सब्जी-फल उपजाते हैं, उन्हें बाहर भेजने का खर्च सरकार वहन करेगी। योजना है कि किसानों का उत्पादन बढ़े व लागत घटे। प्राकृतिक व जैविक खेती हो। आधुनिक कृषि पद्धति अपनाने को लेकर पूरी योजना तैयार की जाएगी।
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