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Qatari Royals Fight in UK Court: कतर के शाही परिवार की दो सदस्य एक दूसरे के खिलाफ हो गए हैं. लाखों डॉलर के हीरे के विवाद में दोनों ने सोमवार (11 नवंबर 2024) को लंदन के हाई कोर्ट पहुंचे. अब इस विवाद का फैसला कोर्ट करेगा. दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
दरअसल, कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी ने पूर्व संस्कृति मंत्री शेख सऊद बिन मोहम्मद अल थानी के रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. हमद बिन अब्दुल्ला की एक कंपनी 70 कैरेट रत्न खरीदने के अपने कथित अधिकार को लागू करने की कोशिश कर रही है.
यहां से शुरू हुआ विवाद
शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी QIPCO के पास ‘आइडल्स आई’ नाम का हीरा है. इसकी कीमत लाखों डॉलर में बताई जाती है. उन्हें यह हीरा शेख सऊद ने उधार दिया था. शेख सऊद 1997 और 2005 के बीच कतर के संस्कृति मंत्री थे. उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में आइडल्स आई हीरा खरीदा था. 2014 में उनकी मौत हो गई. मरने से कुछ समय पहले उन्होंने शेख हमद बिन अब्दुल्ला की कंपनी क्यूआईपीसीओ को यह हीरा उधार दिया था. इस दौरान उन्होंने एक कॉन्ट्रेक्ट भी किया था, जिसमें QIPCO को एलेनस होल्डिंग्स की सहमति से हीरा खरीदने का ऑप्शन दिया गया था, जो अंततः शेख सऊद के रिश्तेदारों से जुड़ी कंपनी थी.
शेख सऊद की कंपनी एलेनस होल्डिंग्स ने यह हीरा QIPCO को दिया था. अब एलेनस होल्डिंग्स का स्वामित्व लिकटेंस्टीन स्थित अल थानी फाउंडेशन के पास है, जिसके लाभार्थी शेख सऊद की विधवा और तीन बच्चे हैं. एलेनस का तर्क है कि वह लेटर गलती से भेजा गया था. एलेनस के वकील साद हुसैन ने अदालती दाखिलों में कहा कि शेख सऊद के बेटे शेख हमद बिन सऊद अल थानी ने केवल सही कीमत पर बिक्री की संभावना तलाशने की मांग की थी, लेकिन फाउंडेशन के अन्य लाभार्थियों के साथ परामर्श नहीं किया था.
हीरे की कीमत को लेकर दोनों पक्षों में सहमति नहीं
अब QIPCO यह हीरा 10 मिलियन डॉलर में लेना चाहती है और इस मसले पर QIPCO के वकीलों का कहना है कि अल थानी फाउंडेशन के वकील ने साल 2020 के पत्र में आइडल आई हीरे को 10 मिलियन डॉलर में बेचने का समझौता किया था, लेकिन एलेनस होल्डिंग्स का कहना है कि इस हीरे की कीमत कम आंकी जा रही है और इसकी सही कीमत 27 मिलियन डॉलर है.
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