[ad_1]
नारनौंद में आयोजित सम्मान समारोह में विधायक जस्सी पेटवाड़ का स्वागत करते हुए।
हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद से विधायक जस्सी पेटवाड़ ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में किसान अपनी फसलों को एमएसपी पर बेचने के लिए लेकर जाते हैं, लेकिन किसानों को परेशानी के अलावा कुछ हासिल नहीं हो रहा है। किसानों को गेहूं सहित अनेक फसलों की बिजाई क
.
सतपाल जाबा में संस्कारों की कमी
पूंडरी से विधायक सतपाल जांबा में संस्कारों की कमी रही होगी। जिसके कारण उन्होंने उनके हल्के की महिला सरपंच पर ऐसी टिप्पणी की। विधायक जस्सी पेटवाड़ मंगलवार को नारनौंद स्थित दादा देवराज मंदिर में दादा देवराज जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। विधायक जस्सी पेटवाड़ ने कार्यक्रम में लगाए रक्तदान शिविर में रक्तदान भी किया और उन्होंने कार्यक्रम में मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया।
विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए विधायक जस्सी पेटवाड़।
बेवजह किसानों को किया जा रहा परेशान
विधायक जस्सी पेटवाड़ ने कहा कि मुझे नारनौंद विधानसभा क्षेत्र की जनता ने विधायक बनकर विधानसभा में भेजा है। पूरे 5 साल नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा में तत्पर रहूंगा। आज मैं जो कुछ भी हूं, आप सब लोगों की बदौलत ही यहां तक पहुंचा हूं। मैं अपनी पूरी जिंदगी आप लोगों का एहसानमंद रहूंगा और आपकी सेवा करूंगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बेवजह किसानों को परेशान किया जा रहा है।
किसानों पर लाठीचार्ज करना निंदनीय
किसानों की धान की कटाई का काम पूरा होने को है और किसानों को गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी खाद की अत्यधिक आवश्यकता है, लेकिन किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध कराने में सरकार नाकाम साबित हुई है। प्रदेश सरकार द्वारा जानबूझकर किसानों के सामने डीएपी खाद की किल्लत पैदा कर एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। खाद लेने पहुंचे किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाता है, जो बहुत निंदनीय है।
अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की कमी के कारण किसानों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है और फिर भी उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है।
फसलों पर पड़ेगा बुरा असर
पर्याप्त खाद न मिलने के कारण उन्हें घंटों इंतजार के बाद भी किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। डीएपी की कमी और सीमित आपूर्ति के चलते स्थिति तनाव पूर्ण होती जा रही है। कई जगहों पर स्थिति गंभीर हो गई है और किसानों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। किसान चिंतित हैं कि गेहूं की बिजाई के समय उन्हें खाद नहीं मिल पाएगा, जिससे उनकी फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है।
विधायक जस्सी पेटवाड़ को पगड़ी पहनाकर सम्मानित करते।
घाटे में धकेलना भाजपा का मकसद
जहां पर भी थोड़ा बहुत खाद पहुंचता है, वहां पर डीएपी खाद के साथ नैनो यूरिया, बीज व अन्य दवाइयां किसानों को दी जा रही है, क्योंकि भाजपा सरकार का मकसद कृषि और किसान को घाटे में धकेलना है। अपने वादे को तोड़ना भाजपा की पुरानी आदत है। एक बार फिर भाजपा सरकार किसानों को एमएसपी और समय पर खाद देने में नाकाम साबित हुई है। नारनौंद सहित पूरे प्रदेश में पुलिस के पहरे में डीएपी खाद बंट रहा है।
डीएपी खाद के लिए महिलाओं को भी कई कई घंटों तक लाइनों में लगना पड़ रहा है। नारनौंद क्षेत्र में ज्यादातर गेहूं की बिजाई होती है। अगर किसान को इस समय पर डीएपी खाद नहीं मिला तो गेहूं की बिजाई लेट हो जाएगी और गेहूं की फसल की पैदावार पर भी बहुत ज्यादा असर पड़ेगा।
कम रेट में फसल बेचने को मजबूर
वहीं प्रदेश की मंडियों में धान की सुचारू खरीद नहीं होने के चलते किसान एमएसपी से 200-300 रुपए कम रेट में फसल बेचने को मजबूर हैं। भाजपा ने चुनाव में किसानों को धान की खरीद 3100 रुपये के रेट पर देने का वादा किया था लेकिन हमेशा की तरह भाजपा का यह वादा भी झूठा साबित हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय किसानों को कभी भी अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती थी।
जे फॉर्म काटने के बाद तीन दिन के भीतर उनका पूरा भुगतान हो जाता था, लेकिन अब किसानों को फसल का भुगतान मिलने में कई-कई दिन और कई-कई महीने तक लग जाते हैं। पूरे प्रदेश की मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। किसानों को अपनी फसल रखने के लिए स्थान तक नहीं मिल रहा। मजबूरी में उन्हें अपनी फसल सड़क पर डालनी पड़ रही है।
[ad_2]
Source link