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फोटो जनवरी 2024 का है। जब पीएम नरेंद्र मोदी ने मकर संक्राति के मौके पर गायों को चारा खिलाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। ये पुंगनूर नस्ल की गायें हैं।
इंटरनेशनल पुष्कर फेयर में पुंगनूर नस्ल की गाय चर्चा का विषय बनी हुई है। दावा है यह भारत ही नहीं दुनिया की सबसे कम ऊंचाई की गाय है। इसी साल जनवरी में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी नस्ल की गाय के साथ एक वीडियो भी शेयर किया था। पुष्कर आई ये गाय सिर्फ प्रदर्श
.
17 से 24 इंच (3 फीट) लंबी इन गायों की कीमत 2 से 10 लाख है। ये गाय 5 लीटर तक दूध देती हैं। इनके दूध की कीमत 1000 रुपए तक है जबकि घी 50 हजार रुपए किलो तक बेचा जाता है। इसे पुष्कर लेकर आए अभिनव तिवारी और महेंद्र यादव कहते हैं कि इन गायों को गोद में उठा कर भी घूम सकते हैं।
बता दें कि पुष्कर मेला 9 नवंबर को शुरू हुआ था जो 7 दिन 15 नवंबर तक चलेगा। मेले में देशभर से ऊंट, भैंस और घोड़े यहां बिक्री के लिए आए हुए हैं। इसके साथ ही दिनभर अलग-अलग कल्चरल एक्टिविटीज का आयोजन किया जा रहा है।
5 लीटर तक देती हैं दूध
जयपुर के रहने वाले पुंगनूर गाय के गोपालक अभिनव तिवारी और महेंद्र यादव हैं। वे पिछले साल पुष्कर मेले में घोड़े लेकर आए थे। इस बार 25 गाय लाए हैं। इनमें बछड़े भी हैं। अभिनव बताते हैं- पुंगनूर नस्ल की गायों की ऊंचाई 27 इंच से 36 इंच (3 फीट) तक होती है। बछडे़ और बछड़ी की ऊंचाई 17 इंच से 24 इंच होती है।
यह ओरिजिनल नस्ल है और इनकी उम्र करीब 20 साल होती है। 2 साल की उम्र में ये गर्भ धारण कर सकती हैं और 3 साल की उम्र से दूध देना शुरू करती है। इन गायों का वजन 10 किलो से 250 किलो तक होता है। उन्होंने कहा- पुंगनूर नस्ल की गाय रोजाना 3 से 5 लीटर दूध देती है। इसकी खुराक भी ज्यादा नहीं है। इन्हें चारा, बाटा, खल दिया जाता है।
यूपी सीएम योगी के पास भी इसी नस्ल की गाय
गोपालकों ने बताया कि भारत सरकार ने इसे प्रोत्साहन और संरक्षण दिया और उसका असर दिखने लगा है। साल 2024 की संक्रांति पर पुंगनूर नस्ल के गोवंश को पीएम मोदी ने पीएम हाउस से गाय को चारा खिलाने का वीडियो डाला था। वहीं यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी इसी नस्ल की गाय को पाल रहे हैं। इसके बाद से इस नस्ल की गायों की डिमांड बढ़ी है।
महेंद्र बताते हैं कि सामान्य गाय जहां 5 से 7 फीट की होती हैं वहीं पुंगनूर 3 फीट तक लंबी होती है। लंबाई कम होने की वजह से ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती। ये गाय घर के अंदर भी आसानी से घूम सकती हैं। पुंगनूर नस्ल की गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता सभी गायों से ज्यादा होती है।
बोले- गोद में लेकर घूम सकते हैं
महेंद्र और अभिनव बताते हैं- हर बार पुष्कर मेले में घोडे़ लेकर आते थे। लेकिन, इस बार गाय लेकर आए। भारत में गाय को सबसे पवित्र माना गया है और घरों में पूजा जाता है। पुराने समय में हर घर में गाय होती थी। जगह और समय के अभाव में गाय का स्थान घरों से गायब हो गया । पुंगनूर नस्ल की गाय अपने छोटे आकार के कारण अब खूब डिमांड में है। इन गायों के बछड़ों को गोद में लेकर भी घूम सकते हैं।
( सहयोग-अभिषेक शर्मा, पुष्कर)
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