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झारखंड में पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार सोमवार की शाम 5 बजे प्रचार-प्रसार का शोर थम गया। मतदान दिवस के दो दिन पहले मतदानकर्मियों को बूथ पर रवाना करने का सिलसिला शाम तक जारी रहा। पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और गढ़वा जिले के दुर्ग
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चुनाव प्रचार थमने के बाद अब डोर टू डोर कैंपेनिंग होगी। प्रथम चरण में 43 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 13 नवंबर को होने वाले मतदान में कुल 683 प्रत्याशी मैदान में हैं।
मतदान सामग्री लेते चुनाव कर्मी
बूथ से 200 मीटर बाहर लगाएं कैंप
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बताया कि सभी राजनीति दलों के लोगों को निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राजनीति दलों से जुड़े वैसे लोग जो मतदान क्षेत्र में प्रखर करने गए हैं, उन्हें वहां से निकल जाने को कहा गया है।
राजनीति दलों से जुड़े लोगों को स्पष्ट निर्देश है कि मतदान के दिन प्रत्याशियों द्वारा मतदान केंद्रों पर कैंप लगाने से पहले अनुमति लेनी होगी। कैंप, मतदान केंद्र की 200 मीटर के रेंज से बाहर होना चाहिए। धार्मिक स्थल या अतिक्रमित जगहों पर कैंप नहीं लगाया जा सकता है।
उस कैंप में प्रत्याशी से जुड़ा झंडा-बैनर, सिंबल, फोटो आदि लगाने पर भी पाबंदी रहेगी। प्रत्याशी कैंप में सिर्फ एक टेबल और दो कुर्सी रख सकते हैं।
ट्रेनों से भी मतदानकर्मियों को भेजा गया।
शिबू सोरेन प्रचार मैदान में नहीं उतरे
इस चरण में अब तक इंडिया और एनडीए गठबंधन के स्टार प्रचारकों ने लगभग दो सौ से अधिक चुनावी सभाएं कीं। पहली बार स्वास्थ्य कारणों से झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन प्रचार मैदान में नहीं उतरे। मतदान से दो दिन पूर्व ही भाजपा ने बूथ मैनेजमेंट प्रारंभ कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा और रांची में रोड शो के बाद भाजपा ने संबंधित क्षेत्रों में मतदाता सूची, मतदाता पर्ची और मतदान के दिन होनेवाले खर्च की राशि अपने कार्यकर्ताओं और बूथ एजेंटों तक पहुंचाना शुरू कर दिया। ‘इंडिया’ गठबंधन भी आज से बूथ मैनेजमेंट शुरू कर दिया है।
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