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देवास में कल यानी मंगलवार को देवउठनी एकादशी मनाया जाएगा। इस मौके पर कल से सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों का दौर शुरू हो जाएगा। देवउठनी ग्यारस पर कई जगह बाल विवाह भी होते है ऐसे में महिला बाल विकास विभाग ने टीमें बनाई है, जो पूरे जिले में भ्रमण कर बाल
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जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के रेलम बघेल ने बताया कि देवउठनी एकादशी एवं विवाह मुहूर्त के अवसर पर विवाह सम्पन्न होते है। जिसमें बाल विवाह होने की प्रबल संभावना होती है। इन अवसरों पर विशेष रूप से बाल विवाह पर निगरानी रखते हुए अभियान के माध्यम से बाल-विवाह रोकथाम के लिए वर्ष भर कार्यवाही की जाती है। बाल-विवाह रोकथाम के लिए जिला स्तर पर कार्यालय वन स्टॉप सेंटर महिला एवं बाल विकास देवास में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा बाल-विवाह रोकथाम पर निगरानी रखने के लिए संयुक्त दलों का गठन किया गया है।
बाल विवाह से संबंधित एवं बाल विवाह में सेवाएं प्रदान करने वाले सेवा प्रदाताओं (टेंट मालिक, घोड़ी विक्रेता, पंडित, काजी, प्रिंटिंग प्रेस मालिक, हलवाई, परिवहन आदि) के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत कार्रवाई करते हुए 2 साल तक के कठोर कारावास और 1 लाख रूपए तक के जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
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