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नई दिल्ली: विक्रांत मैसी अपनी अगली फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ के प्रमोशन में व्यस्त हैं. इस बीच, लोग उन्हें बीजेपी के साथ दोस्ताना रवैये की वजह से ट्रोल कर रहे हैं और उन्हें ‘मौकापरस्त’ बता रहे हैं. दरअसल, कई सोशल मीडिया यूजर ने पिछले दिनों पाया कि एक्टर का बीजेपी के लिए लहजा नरम हो गया है, जबकि उन्होंने कुछ महीनों पहले कठुआ रेप केस पर गुस्सा जताते हुए माता सीता का कार्टून शेयर करके बवाल खड़ा कर दिया था. उन पर हिंदुओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा था. अब विक्रांत मैसी के रवैये में बदलाव को लोग उनकी अगली फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ से जोड़कर देख रहे हैं.
विक्रांत मैसी को इन तमाम आलोचनाओं का जवाब देना जरूरी लगा, तो उन्होंने कहा कि उनका नजरिया बीते कुछ सालों में मिले तजुर्बे के बाद बदला है, जिसके पीछे कोई निजी स्वार्थ नहीं है. यूट्यूबर शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट में एक्टर ने कहा कि लोग वक्त के साथ बदल जाते हैं. वे 10 साल पहले जैसे थे, वैसे आज नहीं हैं और उम्मीद करते हैं कि वक्त के साथ और बेहतर होंगे, हालांकि वे आज भी धर्मनिरपेक्ष सोच पर विश्वास करते हैं.
कैसे बदली विक्रांत मैसी की सोच?
विक्रांत मैसी ने समझाया कि उनके नजरिये में बदलाव तमाम यात्राओं और अलग-अलग संस्कृति के लोगों से मिलने के बाद आया. एक्टर ने दावा किया कि वे अलग-अलग जगहों के हजारों लोगों से मिले, जिनमें उत्तर प्रदेश और बिहार भी शामिल हैं. एक्टर ने अनुभवों से जाना कि जो मामले पहली नजर में बड़ी समस्या लग रहे थे, वह वैसे नहीं थे. वे अब तटस्थ होकर चीजों को देखते हैं और बाहरी चीजों का खुद पर असर नहीं होने देते और शांत मन से हालात पर जायजा लेते हैं.
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