[ad_1]
वाहन चलाना एक जिम्मेदारी पूर्ण कार्य है, मात्र कौशल ही नहीं। नशे की हालत में बिल्कुल भी वहां न चलाएं। जीवन की इस अनमोल यात्रा में छोटी-छोटी गलतियों से बड़े-बड़े नुकसान हो जाते हैं, जिनकी भरपाई संभव नहीं हो पाती। अतः सावधानी में ही जीवन की सुरक्षा है।
.
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ट्रांसपोर्ट एवं ट्रेवल विंग की राष्ट्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी कविता, मुंबई ने ज्ञान शिखर ओम शांति भवन में ‘यात्री कृपया ध्यान दें’ प्रोजेक्ट के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष मानवीय भूलों के कारण लाखों लोग अपने प्राण गवां देते हैं। आत्मविश्वास और जागरूकता से जिम्मेदारी पूर्वक वाहन चलाने से असमय मृत्यु और सड़क दुर्घटनाओं में कमी की जा सकती है। आपने कहा कि माता-पिता आजकल छोटे छोटे बच्चों को भी कार चलाना सिखाते हैं परंतु बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास इतना नहीं हो पता कि वह जिम्मेदारी से वाहन चलाएं इसलिए वहीं दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। इसलिए कार चलाने से पहले आत्मविश्वास और ट्रैफिक नियमों के पालन की जिम्मेदारी के संस्कार भी सिखाएं । साथ ही उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि नशे की हालत में कहा तो व्यक्ति हस्ताक्षर भी ठीक से नहीं कर पता है, तो उस हालत में सुरक्षित वाहन कैसे चला पाएगा इसलिए दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है।
इन सब दुर्घटनाओं के पीछे व्यक्ति का अशांत मन हैं। अतः जीवन की कोई भी यात्रा में ध्यान देने का अर्थ है -हम जो भी कार्य करते हैं उसे समय पूरा चित्त लगाकर, ध्यान लगाकर करें। जिससे दुर्घटना से बचा जा सकता है। मन को परमात्मा के ध्यान से शक्तिशाली बनाएं ताकि वह छोटी छोटी बातों में अशांत न हो पाए।
मंच से संबोधित करतीं ब्रह्माकुमारी दीदी
बढ़ती ही जा रही है यातायत संबंधित समस्या
इस अवसर पर इंदौर के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर, ट्रैफिक मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि आज हर आदमी के पास समय की कमी है और जल्दी पहुंचने के चक्कर में हम यातायात के नियमों का पालन करना जरूरी नहीं समझते हैं और यही कारण है कि शहर में दिन प्रतिदिन यातायत संबंधित समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसके लिए सिर्फ शासन, प्रशासन ही नहीं लेकिन हर व्यक्ति भी जिम्मेदार है। हर व्यक्ति का उत्तरदायित्व है कि वह स्वयं भी ट्रैफिक के नियमों का पालन करने में आदर्श बने और अपने परिवार, समाज के लिए भी आदर्श बने। इसके लिए बचपन से ही ट्रैफिक नियमों का पालन करने के संस्कार हमें बच्चों को देना चाहिए, क्योंकि आज के बच्चे ही कल के नागरिक होंगे। उन्होंने कहा हमारा प्रयास है हम ट्रैफिक नियमों के शिक्षण कार्यक्रम को स्कूल कॉलेज में ज्यादा से ज्यादा चलाएं, जिससे लोगों में उत्तरदायित्व और जागरूकता आए।
समारोह में उपस्थित शहर के प्रबुद्धजन
नियमों के पालन को महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएं
इंदौर ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण पटेल ने कहा कि हमें यातायात नियमों के पालन को आज से ही जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना पड़ेगा, तभी जाकर हम, हमारी अगली पीढ़ी को सुरक्षित यातायात दे पाएंगे। हमें धैर्य, समझदारी और सम्मान के साथ रोड पर व्यवहार करना भी सीखना होगा ताकि हमारी यात्रा सुखद हो पाए। अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड की मैनेजर माला सिंह ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार हमारा शहर स्वच्छता में नंबर वन हैं, ऐसे हमें यातायात व्यवस्था में भी नंबर वन बनना है। इसके लिए हमें सरकार के बजाय परिवार के स्तर पर कार्य करना पड़ेगा, क्योंकि संस्कार, सरकार नहीं परिवार दे सकता है। हमें अनुशासन को पालन करने की शुरुआत अपने आप से करनी है सीट बेल्ट बांधना, हेलमेट लगाना इसकी सेल्फी ले और इसकी वीडियो पोस्ट करें हमें खुद का ही ब्रांड एंबेसडर बनना है तो हमारा जीवन एक प्रेरक की तरह काम करेगा और यातायात संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाएगी।
अपनी बात रखती हुईं एक वक्ता
हर समय सतर्क रहना जरूरी
इस मौके पर अपने आशीर्वचन देते हुए ब्रह्माकुमारीज द्वारा संचालित शक्ति निकेतन छात्रावास की संचालिका ब्रह्माकुमारी करुणा दीदी ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी तो रिफाइन होती जा रही है लेकिन समस्या भी साथ-साथ बढ़ती जा रही है। इसका कारण है – व्यवस्था कितनी भी अच्छी हो जाए लेकिन जब तक इंसान अच्छे नहीं बनेंगे तो उसे व्यवस्था को सुचारू रूप से नहीं चलाया जा सकता है। इंसान को अच्छा बनने के लिए उसे खुद एक व्रत लेना पड़ेगा और वह व्रत है- हर समय सतर्क रहना। जब कोई देख रहा है तब तो सतर्क रहना ही है, लेकिन जब कोई मुझे नहीं देख रहा है उसे वक्त मुझे मेरी आत्मा देख रही है और परमात्मा मुझे देख रहे हैं। इस भावना से जब हम हर कर्म करेंगे तो हम कभी लापरवाही नहीं कर सकते। अतः परमात्मा का ध्यान कर खुद भी शक्तिशाली बने और सबके कल्याण की भी कामना करें।
यातायात नियमों के पालन का संकल्प लेते हुए
मन का शांत और निर्विकार होना अति आवश्यक
इस अवसर पर सर्वप्रथम ट्रांसपोर्ट एवं ट्रेवल विंग क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने सभी का शब्दों से स्वागत किया और कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक हर इंसान यात्रा अवश्य करता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारी यात्रा सुखद और सुरक्षित हो उसके लिए मन का शांत और निर्विकार होना अति आवश्यक है।
हादसों में मृतकों को मोमबत्तियां जलाकर दी श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि स्वरूप मोमबत्तियां जलाई
मुंबई की ब्रह्माकुमारी भारती दीदी ने सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शांति और सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित के प्रति राहत के लिए विशेष मेडिटेशन कराया जिसमें मोमबत्ती जलाकर उनके प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित की और उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों की याद में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा प्रतिवर्ष नवंबर माह के तीसरे रविवार को विश्व यादगार दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रेम नगर क्षेत्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी शशि दीदी ने यातायात के नियमों का पालन करने के लिए सभी को शपथ दिलवाई। दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी शारदा बहन ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन जिनमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति नरेंद्र धाकड़, गोविंद शर्मा प्रदेश अध्यक्ष प्राइम रोड बस एसोसिएशन इंदौर, महेश शर्मा इंजीनियर नगर पालिक निगम, जयंत चौधरी प्रेसिडेंट बंगाली स्कूल एंड क्लब इंदौर,मनीष शर्मा सदस्य महापौर परिषद आदि उपस्थित थे।
सभी ने मोमबत्तियां जलाकर मृतकों की दी श्रद्धांजलि
[ad_2]
Source link