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एक्टिव हुए पश्चिमी विक्षोभ से हरियाणा में मौसम बदलने लगा है। सूबे के अधिकांश जिलों में बादल छाए हुए हैं। सुबह से धुंध जैसे हालात बने हुए हैं। इससे दिन और रात के तापमान में भी गिरावट आई है। दिन के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री और रात के 0.1 डिग्री की ग
.
24 घंटे के आंकड़े के अनुसार महेंद्रगढ़ की रातें सबसे ठंडी रहीं। यहां का न्यूनतम तापमान में 15.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं सिरसा में दिन का अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी बात यह है कि आज से सूबे में दो दिन तक बादल छाएंगे। इससे बाद 15 और 16 नवंबर को बारिश के आसार बन रहे हैं। सूबे के अंबाला, पंचकूला और चंडीगढ़ में बूंदाबांदी की संभावना बन रही है।
मौसम में इसलिए होगा बदलाव
हरियाणा में एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है, जो पहाड़ों में ऊंची चोटियों पर असर दिखाएगा। इससे कहीं – कहीं हल्की बर्फ पड़ने की संभावना बन सकती है। हरियाणा में यह पश्चिमी विक्षोभ 11-12 नवंबर को असर दिखा सकता है। इस दौरान बादल छा सकते हैं। वहीं 15 नवंबर से एक और विक्षोभ के एक्टिव होने से हल्की बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। अक्टूबर से अब तक बारिश नहीं हुई है। इसके कारण अक्टूबर में सामान्य के मुकाबले ज्यादा तापमान रहा था। नवंबर में भी ऐसी ही संभावनाएं जताई जा रही हैं।
सोनीपत की हवा सबसे खराब
तापमान में गिरावट के साथ ही फिर से सूबे के शहरों की हवा खराब होने लगी है। रविवार को सोनीपत का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI ) सबसे खराब रहा। यहां का एक्यूआई 305 दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले यह 260 था। इसके बाद चरखी दादरी की हवा बेहद खराब दर्ज की गई। यहां का एक्यूआई 296 रहा। इसके अलावा गुरुग्राम का 260, पंचकूला का 261 और भिवानी का 214 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया।
गेहूं की बिजाई का सही समय
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह छौक्कर ने बताया कि अब मौसम गेहूं की बिजाई के अनुकूल है। वैसे सूबे में गेहूं की बिजाई का सही समय 25 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच होता है। 25 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच की बिजाई को अगेती बिजाई माना जाता है। वहीं, 25 नवंबर तक की बिजाई भी पछेती बिजाई में नहीं आती।
मानसून ने नहीं किया निराश
राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है।दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है।
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