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नारनौंद में सफीदो से विधायक रामकुमार गौतम समारोह को संबोधित करते हुए।
हरियाणा की सफीदों विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम का एक बार फिर दर्द छलका है। मंत्री नहीं बनाए जाने से आहत विधायक रामकुमार गौतम अपने गृह क्षेत्र नारनौंद पहुंचे थे। यहां पहुंचने पर उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
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इस दौरान रामकुमार गौतम ने चुनाव में अपने भाषणों के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर किए हमले के लिए खेद प्रकट किया और कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करते तो भाजपा की सरकार कभी सत्ता में नहीं आती, लेकिन उन्होंने ऐसी-ऐसी बातें कह दी जो कहना शोभा भी नहीं देती थीं। हुड्डा भी सोचता होगा कि मैंने इसका क्या बिगाड़ दिया? मगर हुड्डा के खिलाफ बोलना मेरी मजबूरी थी। मैं ऐसा नहीं कहता तो भाजपा कभी बहुमत में नहीं आती।
गौतम ने यह भी कहा कि अगर को गलतफहमी है कि उसके कारण भाजपा की सरकार बनी है तो वह निकाल दे। भाजपा अगर जीती है तो सिर्फ सैनी के भरोसे। सैनी को मुख्यमंत्री बनाना ट्रंप कार्ड था यानी जीत की जीत का पत्ता।
रामकुमार गौतम के भाषण की 3 प्रमुख बातें…
1. हुड्डा अच्छा इंसान, देशभक्त का बेटा रामकुमार गौतम ने कहा- कोई आदमी यह नहीं कहता था कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बनेगी। भाजपा की सरकार पावर में आएगी। सारे सट्टेबाज 24 या 25 सीटें ही दिखा रहे थे। मैं अकेला था, जिसने जींद में डंके की चोट पर कहा था कि 50 सीट आएंगी। भाजपा की और हुकूमत बनेगी और ये नायब सैनी मुख्यमंत्री बनेगा।
मैंने कहा था कि 3 तारीख तक भाजपा की खतरनाक आंधी चलेगी और कई-कई कोस में कांग्रेस दिखेगी भी नहीं। ये मैं ही कहता था और कोई नहीं कहता था और इलैक्शन का मुझे पता था। देखिये, भूपेंद्र हुड्डा से मैं घृणा नहीं करता हूं, भूपेंद्र हुड्डा अच्छा इंसान है। कोई भाई बुरा मानों चाहे 20 बार। उसकी रगों में देशभक्त का खून है चौधरी रणबीर सिंह का, उसको गलत नहीं मानता मैं।
2. हुड्डा के खिलाफ नहीं बोलता तो भाजपा चुनाव नहीं जीतती मैं उसके खिलाफ नहीं बोलता तो भाजपा की हुकूमत नहीं बनती थी। मैंने 2 जमा 2 का पहाड़ा पढ़ा, उसके खिलाफ ऐसी-ऐसी बातें कहीं जो मुझे नहीं कहनी चाहिए थी। उसको बुरा भी लगा होगा। बहुत बातें की मैंने जो उसने महसूस भी की होगी कि मैंने दादा गौतम का क्या बिगाड़ रखा था।
मगर मैं ये बातें नहीं बताता कि भाजपा लाओगे तो यह फायदा होगा और हुड्डा पार्टी लाओगे तो ये नुकसान, मैं इस लेवल तक चला गया कि मुझे शोभा नहीं देता था। अगर मैं इस लेवल पर नहीं जाता तो BJP की हुकूमत नहीं बनती चाहे जो कोई जितना भी राजी हो रहा हो, सपने में भी नहीं आती। 25 से 35 सीटें आ जाती मगर इससे ज्यादा नहीं।
3. मैंने लोगों को समझाया तब जाकर भाजपा की सरकार बनी गौतम ने कहा कि ये तो खेल 2 जमा 2 का था। कोई चाहे मानों या ना मानों। मैंने सबको 2 जाम 2 पढ़ाया है। मैंने लोगों को बताया कि नायब सैनी मुख्यमंत्री बनेगा तो 36 बिरादरियों का काम होगा। 2 जमा 2 क्या होते हैं मैंने लोगों को समझाया।
कोई माने या ना माने मैं इस बात की चिंता नहीं करता। किसी भाई के कोई गलत फहमी है तो वह निकाल दे हां मगर अगर नायब सैनी को मुख्यमंत्री नहीं बनाते तो भाजपा किसी सूरत में सत्ता में नहीं आती। नायब सैनी ट्रंप कार्ड था एकदम जीत का पत्ता। गरीब लोगों में इससे एक मैसेज गया, सैनी में बैक वर्ड में छोटे मोटे गरीब मेरे जैसे और टिकट भी भाजपा ने समझदारी से बांटी।
10 साल से मंत्री पद की दौड़ में हैं बता दें कि रामकुमार गौतम 10 साल से मंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे हैं। वह इससे पहले जजपा की टिकट पर 2019 में नारनौंद से चुनाव लड़े और जीते मगर जजपा कोटे से मंत्री नहीं बन पाए तब इनका दुष्यंत चौटाला से विवाद हो गया और दुष्यंत को काफी भला बुरा भी कहा।
मंत्री नहीं बनाए जाने के खिलाफ कई बार बयानबाजी की। इसके बाद वह 2024 में चुनाव से ठीक पहले भाजपा में आ गए। जनता से वादा किया कि अगली बार पावरफुल विधायक बनेंगे। भाजपा में आने के बाद सफीदो विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते मगर इस बार भी भाजपा ने उनको मंत्री नहीं बनाया।
इसका दर्द अब भी राजकुमार गौतम के अंदर है। विधानसभा में प्रोटम स्पीकर रघुबीर कादियान ने गौतम से कहा कि इस बार भी नंबर नहीं आया तो गौतम ने कहा था कि सब ईश्वर की इच्छा पर निर्भर है।
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