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इफको के खाद वितरण केंद्र पर लगी किसने की भीड़।
हरियाणा के पलवल जिले में गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी खाद की कमी जिले के किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। बिजाई के समय किसानों को डीएपी खाद न मिलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसान सुबह से शाम तक भूखे प्यासे डीएपी खाद के लिए सरकारी खाद वितरण
.
डीएपी खाद केंद्रों पर पुलिस के पहरे में वितरित करना पड़ रहा है।
लाईनों में किसानों की धक्का-मुक्की
जिला पलवल की अनाज मंडी में इफको केंद्र पर डीएपी खाद लेने के लिए सुबह से ही किसानों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। डीएपी खाद लेने के लिए किसानों की केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइनें भी लगी रहती है, लाईनों में धक्का मुक्की न हो और हालात काबू में रखने और डीएपी बांटने के लिए पुलिस को लगाया गया।
नवंबर माह का पहला सप्ताह समाप्त
इफको खाद वितरित केंद्रों पर आए किसान शिवराम जाखड़, राजबीर सिंह व ओमबीर ने बताया कि बिजाई का समय तेजी से निकल रहा है, क्योंकि नवंबर माह का पहला सप्ताह समाप्त होने वाला है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से डीएपी खाद पर मारामारी चल रही है, यदि यहीं हाल रहा तो इस बार बिजाई में देरी होना तय है। बिजली देरी से होने का मतलब किसानों को फसल का नुकसान उठाना है।
खाद न मिलने से किसानों ने सरकार व जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
डीएपी की प्राइवेट बिक्री भी
प्रति वर्ष जिले में रबि के सीजन में जिले में 13 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत पड़ती है। जिले में सहकारी समितियों के माध्यम से डीएपी खाद की बिक्री होती है। इफको, कृभको और गांवों में पैक्स के जरिए डीएपी की बिक्री होती है। इसके साथ ही डीएपी की प्राइवेट बिक्री भी होती है। जिले में मंगलवार को 1400 एमटी डीएपी खाद आया है, जिले में अब तक कुल 6,491 एमटी डीएपी खाद आ चुका है।
कृषि विभाग उठा रहा कदम : उपनिदेशक
पलवल कृषि उपनिदेशक वीरेंद्र आर्य ने कहा कि किसानों को डीएपी की कमी नहीं झेलनी पड़े, इसके लिए कृषि विभाग लगातार कदम उठा रहा है। जिले में डीएपी की कोई कमी नहीं है। किसानों आवश्यकता से अधिक खाद का स्टाक न करें। इसके अतिरिक्त नैनो डीएपी व एनपीके को भी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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