उपेंद्र तिवारी
भाई बहन का पावन पर्व उल्लास पूर्वक मना बहनों ने भाई के लंबे उम्र की कामना की उपेन्द्र कु मार तिवारी ब्यूरो चीफ सोन भद्र , दुद्धी सोनभद्र तहसील अंतर्गत विश्व में एकमात्र भारत के कोने कोने में मनाया जाने वाला भाई बहन का अनूठा पावन पर्व भैया दूज रविवार को धूमधाम से मनाया गया। दुर्लभ रंगीनी के कांटा को जिह्वा पर चुभाकर अपने भाइयों को परंपरागत श्राप देने के उपरांत अपने पाप का प्रायश्चित करते हुए बहनें भाई के लंबे उम्र व खुशहाली के लिए कामना ईश्वर से करते हुए भाई को तिलक लगाती है यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। यह त्यौहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार पौराणिक कथा की अनुसार माने तो जगत के पालनहार भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का बधकर अपनी बहन सुभद्रा से मुलाक़ात की थीं इस दौरान सुभद्रा ने भगवान कृष्ण का तिलक भाई के रूप में किया और माला से स्वागत करते हुए मिष्ठान खिलाया। परम्परागत रूप से गाय का गोबर से लेपन कर जमीन को पूजन के लिए तैयार किया जाता है और सांप, बिच्छू, गोजर बनाकर अपने भाई के दुश्मन के स्वरुप बने प्रतिक को पीट-पीट कर मारा जाता है और सारे नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना बहन द्वारा भाई के लिए करती हैं। प्रसाद स्वरूप मिट्टी के पात्र में लावा,चना, गुड़ सहित पंचमेवा मिठाई आदि का भोग भाई को बहनें लगाते हुए आरती उतरती है।