[ad_1]
.
जयपुर नगर निगम हेरिटेज के पार्षदों का 4 साल लंबा इंतजार जल्द खत्म होगा। विधानसभा चुनाव के बाद नगर निगम हेरिटेज में संचालन समितियां का गठन किया जाएगा। जिसको लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है।
उपचुनाव के बाद बनेगी समिति
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि नगर निगम हेरिटेज में पिछले 4 साल से समितियां का गठन नहीं हो पाया है। इसको लेकर नगर निगम हेरिटेज के पार्षदों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। ऐसे में अब विधानसभा उपचुनाव के बाद जयपुर नगर निगम हेरिटेज में भी समितियां के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ताकि निगम के सभी काम सुचारू रूप से समय पर पूरे हो सके।
मेयर बोली- सरकार करेगी समितियों पर फैसला
नगर निगम हेरिटेज मेयर कुसुम यादव ने कहा कि मैं कार्यवाहक मेयर हूं। इसलिए मेरे पास संचालन समितियां के गठन की शक्तियां नहीं है। सरकार और संगठन के स्तर पर ही संचालन समितियों के गठन को लेकर फैसला लिया जाएगा।
जयपुर नगर निगम हेरिटेज में कुल 100 पार्षद हैं। इनमें 47 पार्षद कांग्रेस, 42 पार्षद बीजेपी और 11 पार्षद निर्दलीय चुनाव जीते थे। इनमें से 9 ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया था। दो ने भाजपा को समर्थन दिया था। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी पार्षद नीरज अग्रवाल ने बीजेपी जॉइन कर ली थी। अब मेयर मुनेश गुर्जर को पार्षद पद से भी सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद नगर निगम हेरिटेज में कुल पार्षदों की संख्या 99 पहुंच गई है। ऐसे में 50 पार्षदों की संख्या बहुमत के लिए पर्याप्त है। कांग्रेस के 8 पार्षदों के बीजेपी जॉइन करने के बाद भाजपा बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है।
इन पार्षदों ने भाजपा का दामन थामा
मनोज मुद्गल वार्ड 35, उत्तम शर्मा वार्ड 49, ज्योति चौहान वार्ड 46, सुशीला देवी वार्ड 63, अरविंद मेठी वार्ड 71, मोहम्मद जकरिया वार्ड 65, पारस जैन वार्ड 80, संतोष कंवर वार्ड 78 ने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर बिना शर्त समर्थन पत्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को सौंप चुके है। ऐसे में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए आठों पार्षदों के चैयरमेन बनाए जाने की प्रबल संभावना है। वहीं हवामहल, सिविल लाइंस, किशनपोल, आदर्शनगर और आमेर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के 42 पार्षदों में से भी लगभग 18 पार्षदों को चेयरमैन बनाए जाने की संभावना है।
बता दें कि नगर निगम हेरिटेज में पिछले 4 साल से संचालन समितियां का गठन नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से आम जनता को अपनी रोजमर्रा के काम के लिए परेशान होना पड़ता है। लाइट, सफाई पट्टे, भवन मानचित्रो के नक्शे जैसे मूलभूत काम के लिए जनता को लंबे वक्त तक इंतजार कर परेशान होना पड़ता है। ऐसे में अब देखना होगा मौजूदा सरकार कब तक संचालन समितियां का गठन कर आम जनता को राहत दे पाती है।
[ad_2]
Source link