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बालाघाट में हर साल की तरह इस साल भी मुख्यालय में निवासरत बंगाली परिवार ने दीपावली पर संस्कृति और परंपरा अनुसार मां काली की भव्य प्रतिमा विराजित की है। बंगाली समाज ने 1 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाया और इसी रात मां काली की प्रतिमा की स्थापना की।
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अपनी संस्कृति और परंपरा का निर्वहन करते हुए मुख्यालय में निवासरत बंगाली समाज बीते 61 सालों से जिले में काली पूजा करता चला आ रहा है। जिले में मां दुर्गा पूजा के बाद बंगाली समाज की ओर से मां काली की स्थापना कर चार दिनों तक विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
नगर में पीजी महाविद्यालय के पास स्कूल के खुले प्रांगण में मां काली की प्रतिमा स्थापित की गई। तीन दिन कर पूजा-अर्चना के 4 नवंबर को विसर्जन किया जाएगा।
समिति उपाध्यक्ष मनोज चक्रवर्ती ने बताया कि मुख्यालय में निवासरत बंगाली परिवार बीते 61 सालों से अपनी संस्कृति और परंपरा का निर्वहन करते हुए साल में दो बार मां दुर्गा पूजा और दीपावली पर होने वाली मां काली की पूजा करता आ रहा है। दीपावली पर बंगाल में वृहद रूप से मां की प्रतिमा स्थापना की जाती है और उसका पूजन किया जाता है। जहां सभी हिन्दू परिवार दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा करता है वहीं बंगाली परिवार मां काली की पूजा करता है। मां लक्ष्मी की पूजा बंगाली परिवार शरद पूर्णिमा पर की जाती है। तीन दिनों तक मां की आराधना और उपासना की जाएगी और चौथे दिन मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
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