[ad_1]
.
गांव भेरियां में ड्रग्स के खिलाफ एकजुटता व ड्रग मुक्त समाज के मद्देनजर भव्य कार्यक्रम किया गया। ग्राम पंचायत व पुलिस प्रशासन के कार्यक्रम में एडीजीपी डॉ. एम रवि किरण मुख्यातिथि रहे। इसमें करीब 40 गांव के सरपंच, पंचायत सदस्य व गणमान्य व्यक्तियों सहित युवा व मातृ शक्ति ने भाग लिया। गांव के पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह ने एडीजीपी सहित एसपी दीपक सहारन को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।
एडीजीपी ने गावड़, बासड़ा, गौरछी, भेरियां, पनिहार चक, सरसाना, पायल, चारनौंद, दाहिमा, गुंजार, दुबैटा, बुर्रे, बाड्या ब्राह्यामण, बाड्या जाटान (रागड़ान), भर्री, हरिता, डाया, सिंघरान, शिकारपुर, रायपुर, ढाणी रायपुर, खोखा, खरकड़ी, मल्लापुर, घुड़साल, मिरकां, भोजराज व धीरणवास को ड्रग मुक्त गांव से नवाजा है। एडीजीपी डॉ. एम रवि किरण ने कहा कि ड्रग की डिमांड को नियंत्रित करने के लिए मंडल के सभी छह जिलों में पुलिस टीमों का गठन किया है। ये टीमें ड्रग से प्रभावित गांवों में डोर टू डोर सर्वे करके ड्रग से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान करती है। पीड़ितों की काउंसलिंग करवाकर उन्हें इलाज के लिए प्रेरित करती है।
हिसार मंडल के 512 गांवों में सर्वे किया जा चुका है। इस सर्वे में नशे के आदी 6500 व्यक्तियों की पहचान की है। चिह्वित नशा पीड़ितों में से 5 हजार की काउंसलिंग की है। 3400 पीड़ितों का उपचार शुरू करवा दिया है। सुखद पक्ष यह कि नशे से पीड़ित अब सुधर रहे हैं। एडीजीपी का दावा है कि करीब 750 ड्रग पीड़ितों ने नशा करना छोड़ दिया है।
ऐसे भी हैं जिन्होंने की नशे की मात्रा को कम कर दिया है और नशे से छुटकारा पाने के लिए सही उपचार करवा रहे हैं। एडीजीपी ने बताया कि मंडल के 300 गांवों व 30 वार्ड ड्रग मुक्त गांव घोषित हो चुके हैं। नशे के साथ-साथ बच्चों को मोबाइल एडिक्शन से बचाना है। कोई नशा करता है या बेचता है तो उसकी सूचना पुलिस को जरूर दें। कार्यक्रम में कालवास गांव के गुरु जंभेश्वर स्कूल के छात्रों को नशे के विरुद्ध नाटक प्रस्तुत करने व नशा मुक्ति टीम सहित समाजसेवियों को सम्मानित किया गया।
[ad_2]
Source link