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उदयपुर का प्रॉपर्टी कारोबार लगभग एक साल से समान गति से चल रहा है। साल 2022 और 2023 की तुलना में इस साल भूमि, भवन, दुकान, फ्लैट्स, होटल, रिसॉर्ट आदि की बिक्री-खरीदारी में कमी आई है। लेकिन दिवाली के चलते 27 अक्टूबर से तेजी आई है। इस साल जनवरी से 28 अक्
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जिले में भूमि, भवन, दुकान, फ्लैट्स की प्रतिमाह औसतन 6569 रजिस्ट्रियां हुई हैं। हालांकि कोरोना काल में लॉक हुआ रजिस्ट्रियाें का दौर साल 2022 व 2023 में तेज रफ्तार से अनलॉक हुआ था। साल 2023 में 1 लाख 20 हजार 583 रजिस्ट्रियां हुईं, जिससे सरकार को 486.19 करोड़ की आय हुई थी। साल 2022 में रिकॉर्ड 1 लाख 43 हजार 715 रजिस्ट्रियां हुई थीं, जिससे सरकार को 555.77 करोड़ की आय हुई थी।
साल 2022 की 143715 रजिस्ट्रियां साल 2021 की 95074 रजिस्ट्रियों के मुकाबले 48644 ज्यादा हैं। साल 2021 में रोज औसत 260 रजिस्ट्रियां हुई थीं। कोरोना काल में अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 79741 यानी रोज औसत 218 रजिस्ट्रियां हुई थीं। अब नवंबर और दिसंबर में रिकॉर्ड भूमि, भवन, दुकान, फ्लैट्स, होटल, रिसोर्ट की खरीदारी का अनुमान है।
3 साल से ट्रेंड… शहर में फ्लैट और बाहर जमीन की खरीद तीन साल से भुवाणा, प्रताप नगर, भूपालपुरा, हिरणमगरी सेक्टर-3 से 6 तक, सवीना, अंबामाता एरिया, सुखाड़िया सर्किल की 3 किमी की परिधि में बन रहे फ्लैट्स की रजिस्ट्रियां हो रही हैं। जिन लोगों को खुद की भूमि पर घर बनाना हैं वे बड़गांव, बलीचा, प्रताप नगर, भुवाणा, रामपुरा चौराहा से आगे खरीदारी कर रहे हैं। बलीचा क्षेत्र में डूंगरपुर-बांसवाड़ा के लोगों का खरीदारी में सबसे ज्यादा रुझान है।
प्रतापनगर से डबोक के बीच चित्तौड़-प्रतापगढ़ के लोग खरीदारी कर रहे हैं। अंबेरी-सुखेर-भुवाणा क्षेत्र में राजसमंद के खरीदार ज्यादा हैं। वॉलसिटी के लोग शहर से सटे शोभागपुरा, रामपुरा, भुवाणा, बलीचा, बड़गांव सहित शहर के विभिन्न क्षेत्रों में फ्लैट खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
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