स्कूली बच्चों ने लघु नाटक के माध्यम से बच्चों को दिया संदेश जलाओ दीपक पर पटाखे नहीं
रंगारंग कार्यक्रम के साथ किया दीपावली सेलिब्रेट
राजेश तिवारी /अजित सिंह (संवाददाता)
ओबरा/सोनभद्र- दीपावली पर पटाखे जलाने पर होने वाले प्रदुषण से बचने के लिये बच्चो ने दिये जलाओ पटाखे नहीं पर लघु नाटक प्रस्तुत किया। जिसमें श्रेयाषं यादव, रूद्र, रिषभ, बेलाल, जुहैब व अहान ने लघु नाटक प्रस्तुत कर दीपावली पर होने वाले प्रदूषण पर लोगो को आगाह किया साथ ही दीपावली पर बिना पटाखो के ही इको फ्रेडली पर्व मानने का संकल्प लिया। समारोह में गुलप्सा, रिया, सना, शौम्या, अराध्या, अक्षिता थापा, ने शुभ दिन आयो रे पर नृत्य प्रस्तुत कर वाह वाही लूटी। शहर मण्डल, काजल, आयुषी, अक्षिता थापा, इल्मा, आदि ने आज गली मली अवध सजायेगे, राम आयेगे नृत्य प्रस्तुत कर लोगो को भक्तिरस में डूबो दिया,। आयी है दिवाली सुनो घरवाली गीत पर दिब्यासी अग्रवाल, मान्यता अग्रवाल, रूही, तृसा, आफिया, दृषा ,योगेश, शान बाबू, आर्यन, अराध्या, दृषान्त त्रिपाठी, महताब, पाथ, रेहान, सरस्वती लक्ष्मी आयुसी आदि ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत का लोगो को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया।इस अवसर पर दिया प्रतियोगिता में कक्षा एक में शहर मण्डल प्रथम, दर्शिका द्वितीय तथा भारत तीसरा स्थान अर्जित किया वहीं कक्षा दो में रूद्र प्रथम, सोहम द्वितीय व सना तीसरे स्थान पर रही। कक्षा तीन में अक्षिता थापा प्रथम, अरनव द्वितीय व प्रिंस तीसरा स्थान अर्जित किया। कक्षा चार में रूही प्रथम, गुलफ्सा द्वितीय तथा मो बेलाल तीसरे स्थान पर रहे।अन्त में बच्चो में फूलो की रंगोली व दिये जलाकर दिपावली सेलिब्रेट किया। इसी क्रम में शिक्षिका बाबी राय, आरती , आशा, ने बच्चो को समझाया कि हमें प्रकृति के साथ साथ अपने आस पास के पर्यावरण को अनुकूल बनाना है तथा उन्हे संरक्षित करने का काम भी हमारा हैै। दीपावली पर भारी मात्रा में पटाखा जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर काफी बढ जाता है इस लिए हमें दीपावली पर पटाखे जलाने के बजाय रंगोली व दिये जलाकर दीपावली मनाना चाहिए। शिक्षिका ज्योति ने कहा कि सोनभद्र में सामान्य परिस्थितियों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर है इसलिए हमें लोगो के स्वास्थ्य का ध्यान रखते इस दीपावली पर प्रदूषण रहित दीपावली मनानी चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित प्रधानाचार्य नाहिद खान ने कहा कि एक तरफ हम स्वच्छ भारत मिशन को अमल में लाने की बात करते है वहीं दूसरी तरफ हम पटाखो को फोड कर वातावरण को प्रदूषित कर रहे है। कई हजार टन पटाखो का कूडा हम दीपावली के दिन देश भर में फैला देते है। पटाखो का जहरीला कूडा जब जमीन में धंस जाता है तो मिट्टी प्रदूषित हो जाता है और जलने के बाद धुआँ से वायु व फूटने के बाद ध्वनि प्रदूषण होता है। जला हुआ जहरीला कूडा जब नदियों में जाता है तो जल प्रदूषण फैलाता है। पटाखो का प्रयोग सबसे ज्यादा बच्चे ही करते है इसलिए सबसे ज्यादा असर बच्चो पर ही पडता है। बाद में यही पटाखे के कारण कई प्रकार के संक्रमण से बीमारियों के कारण बनते है। कार्यक्रम के अन्त में श्रीमती खान ने कहा कि हम पटाखों की बजाय बलून या रंगीन कागज के गुब्बारों से बच्चों को खेलना सिखाएं। वे इन्हें फुलाकर एक दूसरे के साथ फोड़कर मजे करg सकते हैं। यह एक क्रिएटिव और मजेदार तरीका हो सकता है।खुशियों को सेलिब्रेट करने के लिए लोग घरों में अल्पना, रंगोली बनाते हैं, लाइटिंग करते हैं नए कपड़े पहनकर शाम को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। उसके बाद दिवाली पर तोहफे देने की परंपरा चली आ रही है।उन्होंने लोगों से अपील किया कि हैंडमेड गिफ्ट्स देकर दीपावली सेलिब्रेट करें।