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रविवार रात ग्राम मलेंडी और बोरखेड़ी में दहशत का माहौल रहा। बाघ और तेंदुए के गुर्राने की इतनी आवाज आती रही कि लोग सोए ही नहीं। ग्रामीणों ने रात को वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग का अमला बोरखेड़ी में गश्ती के लिए गया, लेकिन कहीं भी बाघ, तेंदुए नजर
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यहां पर विभाग ने ट्रैप कैमरा लगाया है। सोमवार को मलेंडी, बोरखेड़ी, बड़गोंदा सहित आसपास के पांच गांवों में वन विभाग ने जाकर लोगों को हिदायत दी। अंधेरा होने और तड़के घरों से बाहर निकलकर जंगल तरफ नहीं जाएं। गांवों के आसपास घनी हरियाली होने से बाघ बसाहट के काफी पहुंच रहा है। वहीं महू-मंडलेश्वर मार्ग पर भी विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है। इस पर रोड भी बाघ, तेंदुआ लोगों को कई बार दिख चुका है।
दो बाघ होने की बात भी सामने आ चुकी दहाड़ने की आवाज भी ग्रामीणों ने सुनी बोरखेड़ी से पहले बड़गोंदा में बाघ के दहाड़ने की बात सामने आई है। वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ बेवजह नहीं दहाड़ता है। वह मादा को बुलाने के लिए भी दहाड़ता है। गौर करने वाली बात यह है कि वन विभाग ने इंदौर वन मंडल में 4 बाघ होने के प्रमाण सरकार को भेजे थे।
वहीं बाघ कभी मलेंडी में दिखता तो अगले ही दिन या कुछ घंटों बाद 20 किमी दूर मानपुर रेंज की नंदलाई घाटी में भी दिख जाता है। दो बाघ होने की बात भी सामने आ चुकी है। बहरहाल, बोरखेड़ी का जंगल बस्ती से करीब एक किमी दूर है। बाघ की इतनी तेज आवाज आ रही थी कि ग्रामीण सो नहीं पाए। तबलों में जाकर भी मवेशियों की सुरक्षा के इंतजाम किए।
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