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रोहतक | नई सरकार के गठन के बाद सीएम और परिवहन मंत्री से रोडवेज कर्मचारियों को उम्मीद है कि कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों को वापस कर हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन से बातचीत के माध्यम से रोडवेज कर्मचारियों की सभी मांग मुद्दों का निपटारा करने का काम कर
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इसमें यूनियन के राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोद और महासचिव सुमेर सिवाच ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों व निजीकरण नहीं करने के बारे में सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे। इसके अलावा लिपिक, चालक, परिचालक और अन्य कर्मचारियों के वेतनमान संशोधन करने, कौशल रोजगार निगम भंग कर सभी कर्मचारियों को पक्का करने, विभाग में खाली पदों पर पक्की भर्ती खाली पदों पर प्रमोशन करने, अर्जित अवकाश में कटौती को रोक कर दोबारा पुरानी छुट्टी लागू की जाए। बैठक में जल्द ही सीएम और परिवहन मंत्री से मिलने का निर्णय लिया। साथ ही नवंबर में सभी डिपो और सब डिपो में वार्षिक सदस्यता अभियान करने पर जोर दिया। यूनियन के राज्य प्रधान और महासचिव ने कहा कि जनता और कर्मचारियों की मांग के अनुसार, सरकार 362 रूटों पर 3658 प्राइवेट बसों को रूट परमिट देकर विभाग को बर्बाद करने की नीति को वापस करें।
कर्मचारी, जनता, ग्राम पंचायतें और छात्र-छात्राएं ग्रामीण एरिया में सरकारी बसें चलाने की मांग हर सरकार से कर रहे हैं। प्राइवेट रूट परमिट देने की बजाए बढ़ती आबादी के अनुसार विभाग में 10 हजार सरकारी बसें शामिल की जाएं, ताकि जनता को परिवहन सेवा व 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।
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