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मुरादाबाद में छात्रों से संवाद करते एसपी सिटी कुमार रणविजय
– फोटो : अमर उजाला
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यदि एक ही सोशल मीडिया एप पर आपके कई अकाउंट हैं तो उनको निष्क्रिय कर दें। क्योंकि लंबे समय तक आपने प्रोफाइल अकाउंट को नहीं देखा है तो फ्रॉड होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा अपने मोबाइल नंबर और जन्मतिथि को पासवर्ड नहीं बनाना चाहिए।
साइबर फ्रॉड से बचने का एक ही कारगर हथियार है और वह है जागरूक रहना। विद्यार्थियों को ये जानकारी एसपी सिटी कुमार रणविजय ने दी। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। अमर उजाला की ओर से केंद्रीय विद्यालय में शनिवार को पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने कहा कि कई बार शॉपिंग स्टोर्स, पेट्रोल पंप व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर डीएसए (डायरेक्ट सेलिंग एजेंट) तमाम तरह के ऑफर्स का लालच देकर कूपन देते हैं और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के कुछ मामलों में कोरियर ब्वॉय के रूप में आकर साइबर ठगी को अंजाम दिया है।
साइबर ठग ट्रू कॉलर पर पुलिस के विभिन्न विभागों के नाम से अपना नंबर दर्ज करते हैं और आम आदमी उनके झांसे में आ जाता है। इसलिए ओटीपी किसी को न बताएं, स्पैम एप को डाउनलोड न करें और न ही किसी लिंक पर क्लिक करें। जागरूक रहकर साइबर ठगी से सुरक्षित रहें। इस दौरान सुनीता गुप्ता, आरती शर्मा, गोविंद चौहान, रीता अग्रवाल आदि मौजूद रहीं।
सवाल: युवा अपना बायोडाटा ऑनलाइन अपलोड करते हैं। तो कैसे पता करें कि वेबसाइट वास्तविक है या नहीं।
जवाब: कंपनी का डोमेन नाम देखना चाहिए। जिस वेबसाइट में एचटीटीपी के पीछे एस लगा होता है तो वह वास्तविक होती है। सरकारी वेबसाइट के पीछे जीओवी या एनआईसी लिखा होता है। वेबसाइट की भाषा पर भी गौर करना चाहिए।
सवाल: रुपयों की बेइमानी करने पर कौन सी धारा लगती है।
जवाब: रुपयों की बेइमानी का जुर्म आईपीसी 406 के अंतर्गत आता है। पीड़ित जो प्रार्थना पत्र देता है, उसमें अपराध खुला होना चाहिए। जैसे बेइमानी, धोखाधड़ी, ठगी आदि की स्पष्ट जानकारी दी जाएगी तो पुलिस उसी के अनुसार कार्रवाई करती है।
सवाल: पुलिस में कॅरिअर बनाने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए।
जवाब: पुलिस में नौकरी के लिए सबसे पहले इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके बाद आवेदन किया जाता है। भर्ती की शर्तों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता, उम्र, किसी वर्ग के आरक्षण लाभ के लिए उसका प्रमाण पत्र आदि की आवश्यकता होती है।
सवाल: कई बार साइबर अपराधी इतनी वास्तविक क्रियाएं करते हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि कब हमारे साथ अपराध हो गया। इससे कैसे बचें।
जवाब: शांत रहकर उन गतिविधियों के बारे में सोचें। लालच में न पड़ें। अनजान व्यक्ति से बातचीत के दौरान जब भी रुपयों का जिक्र हो, तुरंत सावधान हो जाएं।
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