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जयपुर में इस बार दीपावली पर बाजार में पटाखे भी अलग-अलग वैरायटी के आए हैं। इसमें ड्रोन और हेलिकॉप्टर वाला पटाखा सबसे अनोखा है। ये ड्रोन और हेलिकॉप्टर की तरह हवा में उड़ते हुए जाते हैं। साथ ही कलरफुल बटरफ्लाई वाले पटाखों की भी डिमांड खूब है। इसके साथ र
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फायर वर्क संगठन एसोसिएशन ऑफ फायरवर्क आर्टिस्ट्स के अध्यक्ष जहीर अहमद बताते हैं- जयपुर में पटाखों का कारोबार सालों पुराना है। यहां राजा-महाराजा के टाइम से ही पटाखों का चलन रहा है। यहां के पटाखों की डिमांड इंडिया के अलग-अलग शहरों में होती है। इस समय दिल्ली में पटाखे बैन हैं। ऐसे में लोग दिल्ली से जयपुर पटाखे खरीदने आ रहे हैं। दिल्ली से आने वाले कस्टमर और आस-पास के शहरों के लोगों के आने की वजह से इस साल दीपावली पर जयपुर में पटाखा का कारोबार 300 करोड़ से ज्यादा का होगा। अगर पूरे राजस्थान की बात की जाए तो लगभग 1000 से 1200 करोड़ का कारोबार होगा।
इस बार बाजार में मिल रहा ड्रोन वाला पटाखा। इसकी कीमत 150 रुपए है। इस एक डब्बे में 5 शॉट्स आते हैं।
मार्केट में फुलझड़ी और अनार का चलन कम, फैंसी आइटम की डिमांड जहीर ने बताया- इस बार बाजार में बच्चों से लेकर बड़े सभी के लिए पटाखों की वैरायटी आई है। हर साल कस्टमर नए तरह के पटाखों की डिमांड करता है। इस बार हेलिकॉप्टर और ड्रोन वाले पटाखों की लोग मांग कर रहे हैं। इसकी कई वैरायटी मौजूद है। साथ ही इस बार बच्चों के लिए दोनों तरफ से चलने वाली चकरी भी मौजूद है। पहले मार्केट में फुलझड़ी और अनार का चलन था, लेकिन इस बार बच्चे भी इसे पसंद नहीं कर रहे। उन्हें फैंसी आइटम चाहिए। ऐसे में इसकी जगह पर स्काई शॉट ही पसंद कर रहे हैं। ये आसमान में जाकर रंग-बिरंगे सितारे बिखेरते हैं।
उन्होंने बताया- जयपुर में 200 परमानेंट दुकानें है। इनके पास स्थायी लाइसेंस हैं। इसके अलावा शहर में कमिश्नर ऑफिस की तरफ से दीपावली के मौके पर लगभग 1500 दुकानें हैं। इन्हें सरकार की ओर से हर साल टेंपरेरी लाइसेंस दिया जाता है। अस्थायी लाइसेंस वाली दुकान 5 से 7 दिन तक के लिए मान्य है। निर्धारित तिथि तक ही यह दुकान चलाई जा सकती है। पूरे राजस्थान में लगभग 5000 स्थायी और करीब 25000 अस्थायी दुकानें हैं।
बाजार में 4×4 व्हील जमीन चक्री भी खास है। यह आम चक्री न होकर रेसिंग कार के जैसी है। इसमें 4 पहिए लगे होते हैं।
तमिलनाडु के शिवकाशी के पटाखों की डिमांड पटाखा व्यापारियों के मुताबिक, जयपुर के बाजारों में आस-पास के शहरों से भी पटाखे बिकने के लिए आते हैं। लेकिन तमिलनाडु के शिवकाशी से आने वाले पटाखों की बाजार में खूब डिमांड रहती है। यहां की चक्री, अनार, रॉकेट, पेंसिल और लड़ियां सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं। जयपुर के स्काई शॉट्स के मुकाबले कोई अन्य नहीं है। इसके साथ ही जयपुर के अनार, चक्री और पेंसिल की भी खूब डिमांड होती है। इनमें ज्यादा चमक धमक नहीं होती, लेकिन इनकी टाइमिंग ज्यादा होती है। ज्यादा सुरक्षित भी होते हैं। किशनगढ़ (अजमेर) के सुतली बम और फुलझड़ी फेमस हैं। जयपुर में पटाखे तमिलनाडु, बीकानेर, गुजरात, जयपुर के कालवाड़ और यूपी के सहारनपुर से आते हैं।
बच्चों के लिए हेलिकॉप्टर पटाखा। यह हवा में हेलिकॉप्टर की तरह उड़ता हुआ जाएगा। कीमत 150 रुपए है।
15 रुपए से लेकर 20 हजार तक के पटाखे चांदपोल बाजार में 55 साल से पटाखे की दुकान लगाने वाले दिलशाद ने बताया- इस बार बाजार में आतिशबाजी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। बाजार में 15 रुपए से लेकर 20000 तक के पटाखे मौजूद हैं। 15 रुपए में पटाखे की लड़ी है। वहीं 20 हजार में 1688 स्काई शॉट्स मौजूद हैं। इसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए पटाखे उपलब्ध हैं।
इस बार रंगीन अनार की भी खूब डिमांड हो रही है। इसमें एक ही डिब्बे में 5 अलग-अलग प्रकार के अनार हैं। स्वास्तिक व्हील चार बार चलता है।
फुहारा के साथ चक्री। इसमें अनार की तरह रोशनी के साथ ही जमीन पर गोल घूमेगी।
अजमेर के किशनगढ से भी खूब पटाखे आ रहे पटाखा व्यापारी जावेद ने बताया- इस बार पटाखे कर्नाटक और केरल के अलावा अजमेर के किशनगढ से भी खूब आ रहे हैं। ज्यादातर पटाखे इको फ्रेंडली हैं। बच्चों के लिए स्काई स्क्रैपर नाम से हेलिकॉप्टर वाले पटाखे भी मौजूद हैं। इसके साथ ही कलरफुल बटरफ्लाई वाले पटाखे की भी डिमांड खूब हो रही है। बच्चों में पॉपुलर ड्रैगन वाले पटाखे की भी रेंज काफी सारी है। क्रैकलिंग स्पार्कलिंग पटाखे वाली फुलझड़ी स्पार्किंग के साथ क्रेकर्स की आवाज आएगी। मरकरी लाइट वाले पटाखे चटर-पटर की आवाज के साथ मौजूद हैं। सुतली बम में महाराजा वीआईपी, राजा वीआईपी अवेलेबल है।
पटाखे खरीदते समय ध्यान देने वाली बातें पटाखा खरीदते समय हमें कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। फायर वर्क संगठन एसोसिएशन ऑफ फायरवर्क आर्टिस्ट्स के प्रेसिडेंट जहीर अहमद ने बताया बाजार में कई डुप्लीकेट पटाखे बिक रहे हैं, जो अचानक से फट जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
ये छोटे-छोटे बटरफ्लाई पटाखे हैं। आग लगाने पर तितली की तरह जमीन पर उड़ते नजर आएंगे।
इस बार बाजार में 10 हजार तरीके की पटाखों की वैरायटी मौजूद है।
डबल साइडर चक्री। यह बच्चों के लिए खास बनाई गई है। आग लगने के बाद ये दोनों तरफ से घूमती है।
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