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आपने जो ब्रांडेड देशी घी खरीदा वो असली ही है इस धोखे में न रहें। दैनिक भास्कर ने एक महीने की पड़ताल के बाद नकली घी के काले कारोबार की परतें खोलीं। इसमें सब नकली निकला। अहमदाबाद में घी की नामी कंपनियों के डुप्लिकेट पैकेट 6-6 रुपए में बिकते मिले। नागौर
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सबसे पहले भास्कर टीम अहमदाबाद पहुंची। यहां सुप्रभात इंडस्ट्रियल एस्टेट बारडोलपुरा में विप्रो प्रिंट पैक के संचालक कुंतल भाई पटेल के साले विपुल पटेल से मिले। उन्होंने दावा किया कि वे सरस, अमूल, कृष्णा सहित किसी भी ब्रांड के प्रति डिब्बे 6 रुपए में हूबहू पैकेट बनाकर दे देंगे। सैंपल भी बताए। नकली पैकेट का सिस्टम समझने के बाद नागौर पहुंचे। यहां और मेड़ता सिटी में बड़े स्तर पर घी की फैक्ट्रियां हैं। फैक्ट्री संचालकों ने दावा किया कि वे 240 रुपए किलो में देशी घी बना देंगे। अलग-अलग जगह से 6 सैंपल लिए और दिल्ली स्थिति लेबोरेटरी में जांच कराई। जांच में पाम ऑयल, कपास, अलसी, तिल के तेल से बना घी निकला। इसकी आरएम वैल्यू 24 की जगह 17.5 मिली।
अहमदाबाद में ब्रांडेड कंपनियों के 6-6 रुपए में पैकेट बनवा पैक करवा रहे
नागौर के गांधी चौक में अंदर की तरफ है माहेश्वरी ब्रदर्स। रिपोर्टर रिटेलर बन दुकान संचालक कमल बंग से मिला। लो क्वालिटी घी मांगा और तीन डिब्बे खरीदे। देसी वाले लेबल का घी 240 से 300 रुपए प्रति किलो में मिला। 685 एमआरपी वाले ब्रांडेड पैकेट थे। दुकानदार बोला-एमआरपी से कम मत देना, नहीं तो शुद्धता पर शक होगा।
400 रु. प्रति किलो में नामी ब्रांड के घी के पैकेट खरीदे नागौर के दुर्गा लाल दिनेश कुमार की दुकान में रिपोर्टर पहुंचा। यहां बड़े ब्रांड के घी खरीदे। एक के ऊपर देशी घी तो दूसरे पर गाय का शुद्ध देशी घी लिखा था। इन्होंने भी लो क्वालिटी के नाम पर 400 रुपए प्रति किलो के हिसाब से पैकेट बेचे।
भास्कर ने 6 सैंपल की जांच कराई तो खुलासा
भास्कर टीम ने व्यापारी बन दिल्ली एनालिटिकल रिसर्च लेबोरेटरी बात की। उन्होंने नकली घी को असली बताने प्रति सैंपल 3500 रुपए मांगे। पैसे देते ही 3 दिन में रिपोर्ट तक भेज दी। जिसमें आरएम वैल्यू 28.58 तक बता दी। इन्हीं सैंपल को दूसरी लैब ने नकली घी बताया।
चेकिंग का खौफ- जोधपुर में दिवाली बाद आने के लिए कहा
जोधपुर कृषि मंडी स्थित रिद्धि सिद्धि ट्रेडर्स के आसकरण उपाध्याय से रिपोर्टर रिटेलर बनकर मिला। उसने कहा चेकिंग चल रही है। दिवाली बाद जो ब्रांड चाहिए उसका लो क्वालिटी मिल जाएगा। अमूल घी के डिब्बे दिए, मगर बाद में शक होने पर वापस ले लिए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसी फर्म से 2022 और 2023 में लिए घी के 7 सैंपल फेल हो चुके हैं।
30000 किलो नकली घी पकड़ चुके हैं, कार्रवाई करेंगे
“विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। 6 माह में 30000 किलो नकली घी पकड़ा जा चुका है। इसमें हमारे विभाग के साथ पुलिस स्तर पर भी कॉपी एक्ट, धोखाधड़ी सहित अन्य कार्रवाई की जा सकती है। कहां बड़े ब्रांड को लेकर यह फर्जी डिब्बे बना रहे हैं और कहां नकली घी पैक किया जा रहा है। इसकी पूरी जांच कराई जा रही है।”
-पंकज ओझा,अतिरिक्त आयुक्त, खाद्य सुरक्षा विभाग।
लिवर और डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए मिलावटी घी घातक
घी में अगर मिलावट है तो यह शरीर पर 3 तरह से असर करता है। पहला पेट का डाइजेस्टिव सिस्टम खराब होगा। दूसरा लिवर खराब होने की आशंका है। तीसरा अगर उसमें कोई केमिकल मिला है तो एलर्जी की आशंका भी होती है।
(भास्कर टीम ने खरीदे गए घी की जांच नेशनल टेस्ट एंड रिसर्च सेंटर लैब में कराई। स्टिंग के फुटेज और दोनों तरह की लैब रिपोर्ट मौजूद है।)
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