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आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से जारी वीडियो।
खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने दिल्ली के व्हाइटलीफ पब्लिक स्कूल में प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के पूर्व उच्चायुक्त संजय वर्मा के खिलाफ नारे लिखे हैं। आतंकी पन्नू की यह प्रतिक्रिया वर्मा के एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू के बाद आई है
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एसएफजे आतंकी पन्नू ने एक वीडियो जारी कर कनाडा में भारत के पूर्व उच्चायुक्त संजय वर्मा को चेतावनी दी है। जिसमें कहा गया है कि वह खालिस्तान समर्थकों की निगरानी में है। पन्नू के मुताबिक वर्मा ने कनाडा की संप्रभुता को चुनौती दी और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ प्रचार किया।
पन्नू ने उन पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया और कहा कि उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कहा गया कि वर्मा खालिस्तान समर्थक सिखों की निगरानी में रहेंगे और उनके खिलाफ 500,000 डॉलर का बजट रखा गया है ताकि उन्हें न्याय का सामना करना पड़े।
दिल्ली में स्कूल की दिवार पर लिखवाए गए नारे।
एयर इंडिया में सफर ना करने की भी दे चुका चेतावनी
खालिस्तानी समर्थक और प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू हाल में भारत के खिलाफ कई धमकियां जारी कर चुका है। पन्नू ने नवंबर 1 से 19 तक एयर इंडिया की उड़ानों का बहिष्कार करने को कहा है, यह दावा करते हुए कि इस दौरान “सिख नरसंहार की 40वीं वर्षगांठ” के मद्देनजर हमले की संभावना है। पिछले वर्ष भी इसी समय पर उन्होंने इसी तरह की धमकी दी थी, और इस साल भी उन्होंने एयर इंडिया की उड़ानों को निशाना बनाने की धमकी दी है।
2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू
भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफ़रेन्डम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है।
पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया।
पन्नू पर करीब 15 से अधिक केस, सोशल मीडिया पर करता है भड़काऊ बयानबाजी
SFJ और पन्नू के खिलाफ भारत में 15 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के 3 मामले भी शामिल हैं। पंजाब पुलिस द्वारा तैयार किए गए डोजियर में SFJ द्वारा कई वर्षों से सोशल मीडिया पर विभिन्न अलगाववादी पोस्टों के बारे में जानकारी दी गई थी। इनमें वह आतंकियों का समर्थन करता था।
पन्नू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह पंजाबी भाषा में ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता है। इसमें वह पंजाबी युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता है। यही नहीं, पैसे का लालच देकर वह पंजाब-हरियाणा में सरकारी इमारतों में खालिस्तानी झंडा भी लगवा चुका है।
इसके अलावा G20 मीटिंग के दौरान वह दिल्ली में मेट्रो स्टेशन पर लिखे खालिस्तानी नारे भी पन्नू के कहने पर ही लिखे गए थे। पन्नू सोशल मीडिया के जरिए ही युवाओं को अपने झांसे में लेता है और फिर उन्हें भारत के ही खिलाफ भड़का देता है।
2019 में सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगाया
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई 2019 को SFJ (सिख फॉर जस्टिस) को उसकी गतिविधियों के लिए UAPA के तहत एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया। 1 जुलाई 2020 को पन्नू को भारत सरकार द्वारा व्यक्तिगत आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया।
NIA ने सितंबर 2019 में पन्नू के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया। 29 नवंबर 2022 को उसे PO घोषित किया गया। 2023 में, NIA ने अमृतसर और चंडीगढ़ में पन्नू के घर और जमीन को जब्त कर लिया। 3 फरवरी 2021 को NIA की विशेष अदालत द्वारा पन्नू के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए।
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