[ad_1]
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट से लौट आए हैं. रूसी शहर कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने युद्ध के चक्कर में पड़ी दुनिया को शांति का संदेश दिया. पीएम मोदी ने साफ-साफ दोहराया कि भारत युद्ध का नहीं, केवल डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थक है. सबसे मजेदार स्थिति बात तो तब हुई जब उन्होंने शी जिनपिंग को अपने बगल में बिठाकर उसके दोस्त पाकिस्तान को पीएम मोदी ने आतंकवाद पर अच्छे से समझाया. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अपने पक्के यार पुतिन के सामने पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया. भले ही उन्होंने डायरेक्ट पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, मगर इशारों-इशारों में अच्छे से समझा दिया कि आतंकवाद से उसका भला नहीं होने वाला है.
दरअसल, पीएम मोदी 22 और 23 अक्टूबर को ब्रिक्स समिट के लिए रूस के कजान शहर में थे. वहां उनकी मुलाकात व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से हुई. 23 अक्टूबर यानी बुधवार को जब ब्रिक्स को संबोधित करने का मौका आया तो पीएम मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर अच्छे से सुना दिया. खास बात यह रही कि इस दौरान उनके बगल में बैठे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चुपचाप सुनते रहे. पीएम मोदी इशारों-इशारों में पाकिस्तान को आतंकवाद पर धोते रहे. उन्होंने साफ कह दिया कि आतंकवाद से लड़ाई में डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह नहीं है. तो चलिए जानते हैं कि पीएम मोदी ने क्या कहा.
आतंकवाद पर मोदी ने पाक को इशारों में सुनाया
पाकिस्तान का नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ के खतरे को दूर करने में ‘दोहरा मापदंड’ नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए हमें सभी का एकजुट और दृढ़ समर्थन चाहिए. इस गंभीर मामले पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है.’ उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को हमारे देशों में युवाओं के कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है. हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के संयुक्त राष्ट्र में लंबे समय से लंबित मामले पर मिलकर काम करना चाहिए.
जिनपिंग के सामने मोदी की खरी-खरी
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ईरान के मसूद पेजेशकियन सहित ब्रिक्स के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में यह कहा. पीएम मोदी की ब्रिक्स समिट में यह टिप्पणी कि आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं है, इसलिए मायने रखती है क्योंकि चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने संबंधी कई प्रस्तावों को संयुक्त राष्ट्र में विफल कर दिया था. जब भी आतंकवाद के मसले पर इंटरनेशनल मंचों पर भारत पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाता है, चीन उसमें अड़ंगा लगा देता है. वह अपना वीटो पावर लगा देता है.
ब्रिक्स के मंच से पाकिस्तान को संदेश
पीएम मोदी ने ब्रिक्स के मंच पर से ही साफ इशारा कर दिया कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद की राह को छोड़ता है तो भारत को बातचीत में कोई हर्ज नहीं है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने युद्ध नहीं, बल्कि डायलॉग और डिप्लोमेसी की वकालत की. पाकिस्तान बार-बार भारत से बातचीत करना चाहता है, मगर भारत ने साफ कह रखा है कि जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होता तब तक बातचीत नहीं होगी. भारत ने पूरी तरह से बातचीत के रास्ते बंद नहीं किए हैं. मगर उसने साफ कहा है कि बगैर शांति के बातचीत हो ही नहीं सकती. यही वजह है कि पीएम मोदी की ब्रिक्स में आतंकवाद पर की गई टिप्पणी पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश है.
Tags: Pakistan news, PM Modi, State sponsored terrorism, World news
FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 08:01 IST
[ad_2]
Source link