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सोम कमला आंबा बांध की बाई मुख्य नहर, दाई मुख्य नहर, बड़ौदा ब्रांच नहर, भबराना नहर में रबी की फसल बुवाई को लेकर छोड़े जाने वाले पानी को लेकर गुरुवार को बैठक हुई। आसपुर पंचायत समिति सभागार में बांसवाड़ा संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से किसानों ने सवाल-जवाब किए। किसानों ने नहरों के सीपेज, शिल्ट सफाई कर टेल तक पानी पहुंचाने को लेकर की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली। बैठक की शुरुआत में विभाग के अधिशाषी अभियंता बहादुर सिंह ने 20 नवंबर से पानी छोड़ने की जानकारी दी। इस पर किसानों ने ि नाराजगी जताई। किसान वालजी पाटीदार लीलवासा ने कहा कि रबी की फसल की बुवाई का समय 10 नवंबर तक ही रहता है। इसके बाद फसलों को फायदा नहीं मिलता। इसलिए दिवाली के बाद जलप्रवाह छोड़ने की मांग रखी। इस पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गौरव बजाड़ ने विभागीय अधिकारियों से देरी से पानी छोड़ने का कारण पूछा व किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नहरों की सफाई कर पानी 8 नवम्बर को छोड़ने का निर्णय लिया। इसके साथ ही पाटीदार ने कहा कि हर वर्ष किसानों की समस्या सुनने के बाद इसकी प्रोसेडिंग बनाई जाती है, मगर इसका निराकरण नही होता और अधिकारी बदल जाते है।
इस पर जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने प्रोसेडिंग कार्य के लिए अगले वर्ष का इंतजार न करते हुए शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। डीआर मेहता ने बताया कि सोम कमला अंबा की नहरें 32 वर्ष पूर्व बनी हुई है जो जर्जर हो चुकी है। साथ ही गांवों में किसानों की कमेटी बनाने की मांग रखी। इससे नहरों की देखरेख हो सके। डूंगरपुर जिले के साबला व आसपुर सलूंबर जिले के कुल 85 गांवों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाएगा। कुल 19700 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इस पानी पर किसने की सिंचाई व्यवस्था निर्भर है। प्रथम पाणत 8 नवंबर से 7 दिसंबर, द्वितीय 15 दिसम्बर से 9 जनवरी 25,तृतीय 17 जनवरी से 11 फरवरी एवं अंतिम 19 फरवरी से 20 मार्च तक नहरों में जलप्रवाह छोड़ा जाएगा।
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