बार एसोसिएशन की 21 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए गुरुवार को 79.9 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 6516 मतदाताओं में से 5206 ने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले साल चुनाव में 81.61 प्रतिशत वोट पड़े थे। शाम पांच बजे तक मतदान हुआ। इसके बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा में मतपेटियों को सील कर कचहरी स्थित राम अवतार महाना हॉल के कमरे में बनाए गए स्ट्रांग रूम तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। शनिवार सुबह 10 बजे से मतगणना शुरू होगी।
डीएवी डिग्री कॉलेज में गुरुवार सुबह लगभग 9:30 बजे मतदान शुरू हुआ। इसके पहले विभिन्न पदों पर खड़े प्रत्याशियों के सामने एल्डर्स कमेटी सदस्यों ने खाली मतपेटियां दिखाकर उन्हें सील कराया। सेवानिवृत्त सैनिकों को मतपत्र देकर मतदान बूथों पर भेज दिया गया। मतदान के लिए 15 बूथ बनाए गए थे। बूथों के बाहर इंजीनियंरिग कॉलेज के छात्रों को क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए लगाया गया था। क्यूआर कोड की स्क्रीनिंग के बाद ही मतदाताओं को मतदान बूथ पर प्रवेश दिया जा रहा था।
इसके बाद सीओपी कार्ड देखकर मतपत्र मिल पा रहा था। दोपहर में पूर्व सांसद व अधिवक्ता राजाराम पाल, कोपेस्टेट चेयरमैन विजय कपूर भी अपने मत का प्रयोग करने पहुंचे। एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन उमाशंकर गुप्ता, भानु प्रताप द्विवेदी, ओमप्रकाश मिश्रा, श्रीकांत दीक्षित, महेंद्र सिंह चौहान व्यवस्था का जायजा लेते रहे। सीओपी कार्ड साथ न लाने वाले मतदाताओं को बिना मतदान के बैरंग वापस लौटना पड़ा।
बूथवार मतदान की स्थिति
बूथ नं. 1 पर 303
बूथ नं. 2 पर 361
बूथ नं. 3 पर 398
बूथ नं. 4 पर 441
बूथ नं. 5 पर 380
बूथ नं. 6 पर 407
बूथ नं. 7 पर 304
बूथ नं. 8 पर 354
बूथ नं. 9 पर 308
बूथ नं. 10 पर 373
बूथ नं. 11 पर 304
बूथ नं. 12 पर 355
बूथ नं. 13 पर 382
बूथ नं. 14 पर 342
बूथ नं. 15 पर 194
कुल 5206
सीसीटीवी कैमरे से हुई निगरानी
मतदान के दौरान किसी भी बूथ पर में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो सके इसके लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। हर बूथ पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही प्रवेश व निकास द्वारों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। मेटल डिटेक्टर भी लगे थे।
मतदाताओं को लाने के लिए लगाए ई-रिक्शा
बूथ नंबर 1 के बुजुर्ग मतदाताओं को जिस द्वार से प्रवेश दिया जा रहा था उसी द्वार से उनकी निकासी भी थी। हालांकि बूथ नंबर 2 से 15 तक के मतदाताओं को निकास के लिए डीएवी इंटर कॉलेज के पास स्थित पार्किंग से बाहर निकलने के लिए विशेष निकास द्वार बनाया गया था। यहां से निकलकर अधिवक्ता मधुबन चौराहे से होते हुए कचहरी लौट रहे थे। अधिवक्तओं की सुविधा के लिए कचहरी तक छोड़ने व लाने के लिए एक प्रत्याशी द्वारा ई-रिक्शा की व्यवस्था भी की गई थी।