[ad_1]
आंख में दर्द रहने पर परिवार वालों ने अस्पताल से संपर्क किया तो दो माह तक गंगाधर सिंह को बिना परिवार के अकेले अस्पताल में इलाज किया गया। उसके बाद गंगाधर को अस्पताल से घर भेज दिया गया था।
घाटशिला की उत्तरी मउभंडार पंचायत के किताडीह निवासी गंगाधर सिंह की आंख निकालकर कांच की आंख लगाने का मामला तूल पकड़ने लगा है, क्योंकि गंगाधर समेत आठ लोगों का ऑपरेशन जमशेदपुर के केसीसी आई हॉस्पिटल में हुआ था। इसके बाद किसी की आंखों की रोशनी नहीं लौटी, बल्कि अबतक उनकी आंखों से पानी गिर रहा है और दर्द हो रहा है। ऑपरेशन के पहले आंख से जो दिखाई देता था, वह ऑपरेशन के बाद नहीं दिखता है। अब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है।
शनिवार को अखबारों में खबर छपने के बाद पता चला कि गंगाधर सिंह समेत कुल आठ लोगों को आंखों के ऑपरेशन के लिए 18 नवंबर 2021 को केसीसी आई हॉस्पिटल जमशेदपुर ले जाया गया था। इनमें पांच लोग गंगाधर सिंह, देवा मुर्मू, छिता हांसदा, भानु सिंह, मांझोल सिंह और टेटे गिरी किताडीह गांव के थे, जबकि दो व्यक्ति किसी अन्य गांव के थे। सभी को 24 घंटे के अंदर ऑपरेशन कर जमशेदपुर से लौटा दिया गया था। इन सभी लोगों को काशिदा की एक महिला गांव की आंगनबाड़ी सहायिका सोमवारी मार्डी के साथ जाकर घर से सम्पर्क कर ले गई थी। उक्त महिला का नाम पता किसी ने नहीं पूछा। दूसरी ओर, ऑपरेशन के बाद जब गंगाधर सिंह लौटे तो लगातार उनकी बाईं आंख में दर्द हो रहा था। परिवारवालों ने अस्पताल से संपर्क किया तो दो माह तक गंगाधर सिंह को बिना परिवार के अकेले अस्पताल में इलाज किया गया। उसके बाद घर भेज दिया गया था।
आंख से कांच निकलने पर हुआ खुलासा घाटशिला के किताडीह के 70 वर्षीय गंगाधर सिंह की बायीं आंख से गुरुवार को कांच की गोली अचानक निकल गई। इसी आंख का ऑपरेशन अन्य आठ के साथ किया गया था। शुक्रवार को गंगाधर जब घाटशिला के अनुमंडल अस्पताल में जांच कराने पहुंचे तो आंख निकालने का खुलासा हुआ।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
घाटशिला के किताडीह के गंगाधर समेत आठ मरीजों की आंख के ऑपरेशन में गड़बड़ी को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सिविल सर्जन घटना की जांच करेंगे। मंत्री ने कहा कि अगर मामले में अस्पताल की किसी प्रकार की संलिप्तता सामने आती है तो झारखंड क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत लाइसेंस रद्द किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
न प्रशासन सक्रिय हुआ, न स्वास्थ्य विभाग
जिले में आंख निकाल लेने जैसा गंभीर मामला सामने आने के बाद शनिवार को न तो प्रशासन सक्रिय हुआ और न स्वास्थ्य विभाग। किसी ने पीड़ित गंगाधर के घर जाकर हालचाल जानने की जहमत तक नहीं उठाई। आखिर पीड़ित के साथ क्या हुआ, कहां गड़बड़ी हुई, इसकी जांच की जिम्मेदारी किसकी है। प्रशासन की इस उदासीनता से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।
ढूंढे नहीं मिल रही ऑपरेशन के लिए ले जानी वाली महिला
जिन आठ लोगों को काशिदा की महिला आंखों के ऑपरेशन के लिए जमशेदपुर ले गई थी, वह खोजे नहीं मिल रही है। क्योंकि उसने अपना नाम और पता किसी को नहीं बताया था। पुलिस का मानना है कि महिला पकड़ में आ जाए तो सारा मामला साफ हो जाएगा। महिला ने जो मोबाइल नंबर दिया था, वह भी बदल लिया है।
[ad_2]
Source link