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सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स जवानों के लिए केंद्र की मोदी सरकार अब नया प्लान बना रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में 14वें अखिल भारतीय होम गार्ड्स एवं सिविल डिफेंस सम्मेलन में इस बारे में जानकारी दी।
सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स जवानों के लिए केंद्र की मोदी सरकार अब नया प्लान बना रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में 14वें अखिल भारतीय होम गार्ड्स एवं सिविल डिफेंस सम्मेलन में इस बारे में जानकारी दी। शाह ने कहा कि मोदी सरकार अगले चार महीनों में होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के चार्टर में समयानुकूल परिवर्तन के साथ कई नई बातें जोड़कर इसे और अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनाने का प्रयास करेगी। हम इस कदम के माध्यम से इन दोनों संगठनों में एक नई चेतना और जान लाने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के सामने 2047 तक भारत को एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प रखा है। इसे पूरा करने के लिए हमें हर क्षेत्र में विकास के साथ-साथ अपने संस्कार, परंपराएं, संस्कृति और भाषाओं को संभालते हुए पूर्ण विकसित राष्ट्र बनना है। इस संकल्प को चरितार्थ करने की दिशा में सेवा और सुरक्षा दो बहुत महत्वपूर्ण बिंदु हैं। हर व्यक्ति, संपत्ति, भविष्य और अधिकारों की सुरक्षा और हमारे मूल सेवा के संस्कार को समाहित करना। सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स सुरक्षा और सेवा के साथ जुड़े संस्थान हैं। ये संगठन समाज के एक वर्ग को समाज की सुरक्षा और सेवा के साथ जोड़ने का काम करते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान पांच सत्रों में होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के सुदृढ़ीकरण, क्षमता निर्माण और आपदा प्रबंधन के अनेक बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा होगी। ये सम्मेलन राज्यों के बीच संवाद का एक माध्यम भी बनेगा, उनके बीच गुड प्रैक्टिसिस का आदान-प्रदान होगा और कठिनाइयां हल करने का हौंसला भी बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के निर्माण में सेवा और सुरक्षा के सभी आयामों को होम गार्ड्स व सिविल डिफेंस के साथ प्राप्त कर सकते हैं।
1968 में सिविल डिफेंस एक्ट पारित हुआ
अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 1962 से होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस को महत्वपूर्ण भूमिका देने का काम किया था। 1962 में ही सिविल डिफेंस महानिदेशालय स्थापित हुआ और 1968 में सिविल डिफेंस एक्ट पारित हुआ। 1965 और 1971 के युद्ध में होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों का अमूल्य योगदान रहा। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस संगठनों ने सशस्त्र बलों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अहम बुनियादी ढांचों की सुरक्षा, नागरिकों के सामान्य प्रशिक्षण और उन्हें सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने में अहम भूमिका निभाई थी।
होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के चार्टर में क्या होगा
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अगले चार महीनों में होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के चार्टर में समयानुकूल परिवर्तन के साथ कई नई बातें जोड़कर इसे और अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनाने का प्रयास करेगी। हम इस कदम के माध्यम से इन दोनों संगठनों में एक नई चेतना और जान लाने का काम करेंगे। वर्तमान चार्टर में युद्ध की आपात स्थिति में लोगों को तैयार करना, नागरिकों की रक्षा, युद्ध के प्रभाव से बचने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना, अहिंसक नागरिक प्रतिरोध की मानसिकता बनाना, समुदायों को संगठित करना और युद्ध में क्षतिग्रस्त हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत में मदद करना और मनोबल बढ़ाने का काम शामिल है। किसी भी संगठन के चार्टर में अगर 50 साल तक बदलाव नहीं होता है तो वह संगठन और चार्टर दोनों ही कालबाह्य हो जाते हैं। 50 साल में देश में आमूलचूल परिवर्तन आए हैं, तकनीक के कारण जरूरतें भी बदल गई हैं और अब देश बहुत आगे निकल गया है।
कोविड के दौरान 27 जवानों ने लोगों की सेवा करते हुए गंवाए प्राण
अमित शाह ने कहा कि जिस प्रकार कोविड महामारी के दौरान होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लोगों की सेवा का जो जज्बा दिखाया वो प्रशसां के योग्य है। कोविड के दौरान होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के 27 जवानों ने लोगों की सेवा करते हुए अपने प्राण गंवाए। गृहमंत्री ने कहा कि होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के लिए आपातकालीन सेवाओं में योगदान की ट्रेनिंग व्यवस्थित होनी चाहिए और चार्टर में इनकी जगह होनी चाहिए। साथ ही यातायात प्रबंधन में भी होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के लिए संस्थागत व्यवस्था करने की जरूरत है। इसी प्रकार इन्हें जागरूकता कार्यक्रमों, जैसे नशामुक्त भारत, स्वच्छ भारत अभियान, वृक्षारोपण अभियान, जल संरक्षण, बुराइयों के खिलाफ जागरूकता, महिला सुरक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा, टीबी मुक्त भारत, कुपोषण से जंग, पोषण अभियान आदि के साथ जोड़ना चाहिए।
शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वच्छ भारत अभियान, प्लास्टिक मुक्त भारत और वृक्षारोपण अभियान में भी इनकी रचनात्मक भूमिका हो। कानून व्यवस्था में सहायता के लिए एक रोडमैप बने जिससे स्थानीय कानून व्यवस्था संभाल रहे लोगों और होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस के बीच समन्वय हो। शिक्षा में सहयोग, जैसे ड्रॉपआउट रेश्यो कम करना, 100 प्रतिशत एनरोलमेंट और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को भी नए चार्टर में स्थान दिया जाना चाहिए। रोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए भी सरकार के कई कार्यक्रमों के साथ होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस को जोड़ने के लिए इन्हें चार्टर में शामिल किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आज देश की जरूरतों को ध्यान में रखकर इन दोनों संगठनों को और अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए इनकी भूमिका के बारे में नए सिरे से सोचने की जरूरत है। अगले चार महीनों में इन दोनों संस्थाओं में नई जान फूंकने की जरूरत है। प्रशिक्षण पर जोर और युवाओं को आगे लाने पर भी ध्यान देने की जरूरत है। अब तक होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस से सिर्फ वे लोग जुड़े हैं जो समाज के लिए स्वयं आगे आना चाहते हैं। सरकार यह प्रयास करेगी कि जिस तरह एनसीसी, एनएसएस में समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होता है उसी तरह इन संस्थाओं से भी समाज के हर वर्ग का युवा जुड़े। उन्होंने कहा कि 2047 में एक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हमें हर कड़ी को मजबूत करने की जरूरत है। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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