[ad_1]
विजिलेंस टीम ने नोएडा स्थित चार प्रतिष्ठानों और दिल्ली में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की राजकीय निर्माण निगम का अधिकारी 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक निकला
विजिलेंस टीम ने नोएडा स्थित चार प्रतिष्ठानों और दिल्ली में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की जांच की राजवीर सिंह के खिलाफ 11 मार्च 2024 को विजिलेंस निरीक्षक ने कराया था मुकदमा दर्ज
नोएडा, विशेष संवाददाता। लखनऊ और मेरठ से आई विजिलेंस की संयुक्त टीम ने मंगलवार को यूपी राजकीय निर्माण निगम में तैनात रहे अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के आवास और अन्य प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। टीम ने उनके नोएडा स्थित चार प्रतिष्ठानों और दिल्ली स्थित एक निर्माणाधीन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की जांच की। जांच में 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति और करोड़ों के निवेश की जानकारी मिली है।
राजवीर सिंह वर्तमान में दिल्ली के महाप्रबंधक कार्यालय में अपर परियोजना प्रबंधक के पद पर तैनात हैं। उनके खिलाफ 11 मार्च 2024 को विजिलेंस निरीक्षक ने जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया था। विजिलेंस की लखनऊ और मेरठ की संयुक्त टीम राजवीर सिंह के सेक्टर-105 स्थित आवास सी44, सेक्टर-71 स्थित दो पीजी और ग्रेटर नोएडा स्थित एक फैक्टरी और दिल्ली में ग्रीन पार्क स्थित एक निर्माणाधीन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर पहुंची और आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच की।
जांच के दौरान राजवीर सिंह के दिल्ली में ग्रीन पार्क स्थित एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के बारे में भी जानकारी मिली थी, जिसकी जमीन की कीमत ही बीस करोड़ रुपये से अधिक है और यह पांच मंजिला बना हुआ है। इसके निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, जिसके मूल्यांकन की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा नोएडा स्थित उनके आवास की कीमत पांच करोड़ आंकी गई है और उसकी आंतरिक साज-सज्जा और फर्नीचर, ट्रेड मिल आदि पर ढाई करोड़ से अधिक खर्च किए गए थे। इसके अलावा यहां से 77 लाख के कीमती आभूषण और एक लाख रुपये नकद भी मिले हैं।
ग्रेटर नोएडा में उनका 435 वर्गमीटर का कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स है, जिसकी कीमत छह करोड़ से ज्यादा है, उसमें बीस लाख से अधिक की मशीनें और पांच लाख से अधिक का फर्नीचर है। नोएडा सेक्टर-71 में दो-दो सौ वर्ग मीटर के दो भूखंडों में 16-16 कमरों के दो पीजी संचालित हो रहे थे, जिनकी कीमत आठ करोड़ से ज्यादा है और वहां पर फर्नीचर में 21 लाख से अधिक खर्च किए गए थे। इसके अलावा जांच में गाजियाबाद में दो एकड़ कृषि की जमीन, अलीगढ़ में आठ प्लाटों की रजिस्ट्री के कागजात, करोड़ों के म्यूचल फंड, बीमा पॉलिसी और शेयरों में किए गए निवेश के संबंध में जानकारी मिली है।
मार्च में हुआ था मुकदमा दर्ज :
इस मामले में विजिलेंस के इंस्पेक्टर रामचंद्र चौधरी ने 11 मार्च 2024 को लखनऊ स्थित विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। 31 मई 2019 को उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के आदेश हुए थे। जांच में पाया गया कि उन्होंने जांच की अवधि में सभी ज्ञात और वैध स्रोतों से एक करोड़ 78 लाख 27 हजार 143 रुपये की आय की और कुल व्यय दो करोड़ 67 लाख 32 हजार 462 रुपये पाया गया। उन्होंने अपनी आय से 89 लाख पांच हजार 319 रुपये अधिक व्यय किए। इसके संबंध में वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
[ad_2]
Source link