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PM Modi Greeted With chak chak: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस पहुंचे. कजान पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत रूसी समुदाय के लोगों ने कृष्ण भजन के साथ किया. साथ ही उन्हें पारंपरिक रूसी व्यंजनों (चक-चक और कोरोवाई रोटी) से भरी प्लेटें परोसी गईं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की गई, जिसमें दिख रहा है कि उनके स्वागत में खड़ी चमकीले रंग के कॉस्ट्यूम में महिलाएं हाथों में चक-चक और कोरोवाई रोटी पकड़े थीं. पीएम मोदी और बाकी देशों से आए नेताओं को पड़ोसी के व्यंजन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से अहम हैं.
क्या है चक-चक?
दरअसल, चक-चक एक मिठाई है. यह रतलामी सेव के आकार के गेहूं के आटे के तले टुकड़ों से बनती है. चक-चक को गोल या घनाकार बनाये जाते हैं. पीएम मोदी को परोसे गए चक-चक गोल थे, जो कि बिहार के मुरही-के-लाई और ओडिशा के मुआ जैसे थे. चक-चक तातारस्तान और बश्कोर्तोस्तान के क्षेत्रों का मीठा पकवान है, जिसे तातारस्तान की राष्ट्रीय मिठाई माना जाता है.
चक-चक तैयार करने के लिए अखमीरी आटे को आम तौर पर कई आकार में काटा जाता है, जो अक्सर भारतीय सेव जैसा दिखता है. इन आटे के टुकड़ों को तब तक तेल में डीप-फ्राई किया जाता है, जब तक कि वे बाहर से कुरकुरे और सुनहरे न हो जाएं. तले टुकड़ों को फिर जमा किया जाता है और चीनी, शहद और पानी से बने गर्म सिरा से भिगोया जाता है. मीठे सिरे का इस्तेमाल तले हुए आटे के टुकड़ों को एक साथ बांधने और उसे नया आकार देने के लिए किया जाता है. जिसके बाद यह मीठा व्यंजन बनकर तैयार होता है.
गेहूं के आटे से बनी रोटी होती है कोरोवाई
वहीं, बात अगर कोरोवाई की करे तो ये आमतौर पर गेहूं के आटे से बनी गोल, सजी हुई रोटी होती है, जिसे अक्सर कई डिजाइनों से सजाया जाता है. कोरोवाई को बनाने में आटे की कई परत का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें एक साथ बुनकर सुंदर रोटी बनाई जाती है. यह रोटी आमतौर पर बड़ी मात्रा में पकाई जाती है और रूसी विवाह अनुष्ठानों में इसका अलग ही रिवाज है, जहां इसे नवविवाहित जोड़ों के सिंबल के रूप में मेहमानों को दिया जाता है.
कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए रूस पहुंचे. इस दौरान ब्रिक्स देश के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक के अलावा कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इससे पहले उनके भव्य स्वागत ने दुनिया भर का ध्यान खींचा. कजान एयरपोर्ट से होटल कॉर्स्टन तक प्रधानमंत्री मोदी का अनोखा स्वागत सत्कार किया गया. यह पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी का विदेशी धरती पर अलग अंदाज में स्वागत किया गया हो.
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