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नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से जवाब मांगा जिसमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के एक प्रावधान को चुनौती दी गई है। याचिका में दावा किया गया है कि यह प्रावधान मतदाताओं को केवल एक उम्मीदवार होने पर ‘उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) का विकल्प चुनने से रोकता है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई याचिका में अधिनियम की धारा 53 (2) को चुनौती दी गई है। धारा 53 लड़े गए और निर्विरोध चुनावों की प्रक्रिया से संबंधित है। जबकि, धारा 53 (2) कहती है कि यदि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या भरी जाने वाली सीट की संख्या के बराबर है, तो चुनाव अधिकारी तुरंत ऐसे सभी उम्मीदवारों को उन सीट को भरने के लिए निर्वाचित घोषित करेगा।
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