[ad_1]
विदिशा में चिटफंड कंपनी के मामले में पुलिस ने तीन सोमवार को आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही आरोपियों के 15 वाहनों को जब्त कर कई संपत्तियों को भी सीज किया गया है।
.
चिट फंड कंपनी वेतवांचल इंडिया निधि लिमिटेड लोगों को ज्यादा ब्याज का लालच देकर उनके करोड़ों रुपए लेकर भाग गई थी। लोगों ने पुलिस से शिकायत की थी। जिसके बाद से पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। छापामार कार्रवाई करके तीन आरोपी ब्रजेश, निलेश और गोरेलाल को गिरफ्तार किया है।
15 वाहन और जमीन सीज किया
पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग 15 वाहन और एक हार्वेस्टर को जब्त किया है और जमीन जायदाद को सीज किया है। पुलिस का कहना है कि इस चिटफंड कंपनी केवल विदिशा तक सीमित नहीं है, बल्कि कई जिलों में भी इस कंपनी के तार फैले हुए हैं।
एडिशनल एसपी प्रशांत ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने वेतवंचल इंडिया निधि लिमिटेड नाम से एक संस्था बनाई थी, उसका रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें साफ तौर पर लिखा था कि ये लोग आम लोगों के साथ कोई भी बैंकिंग गतिविधि नहीं कर सकते। इसके बावजूद लोगों के साथ लेनदेन, एफडी और रोजाना पैसे जमा करना शुरू कर दिए थे। उन्होंने बड़ी संख्या में पैसा जमा करने वाले लोगों को 8% से 10% रिटर्न की पेशकश की। जिसके कारण लोग उनके एजेंट बन गए और बड़ी मात्रा में लोगों का पैसा इकट्ठा किया गया।
लोगों के साढे चार करोड़ रुपए लौटाने हैं
जानकारी के मुताबिक कंपनी के पास लगभग 40 करोड़ रुपए तक जमा हुए थे। अभी कुछ समय पहले तक कंपनी के मालिकों ने कुछ लोगों के पैसे वापस किए हैं, वहीं कई सारे लोगों का पैसा रिफंड हुआ है। अब पिछले 3 महीने के दौरान जिन लोगों की मैच्योरिटी हुई है उनको पैसे देने थे, पर इन लोगों ने वो पैसा खर्च कर दिया है। अभी इनको लोगों के साढे चार करोड़ रुपए देने है। कंपनी का व्यापार टीकमगढ़, सागर, नरसिंहपुर, भोपाल सहित कई जगह तक फैला हुआ है।
पुलिस ने बताया कि मामले में अभी तक तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके है, अभी तक पुलिस ने इन लोगों के लगभग 15 छोटे-बड़े वाहन जब्त किए हैं। इन लोगों ने आम जनता के पैसे से जो प्रॉपर्टी बनाई है, उसको भी सीज किया जा रहा है। हम कानून के दायरे में रहकर लोगों का पैसा रिफंड करेंगे।
2020 में कंपनी बनाई थी
बताया गया कि नीलेश राजपूत और उसके भाई बृजेश ने 2020 में कंपनी शुरू की थी। बेतवांचल इंडिया निधि लिमिटेड कंपनी के लगभग 200 एजेंटों के माध्यम से करीब करोड़ों रुपए की राशि जमा कराई। इसके लिए विदिशा, रायसेन, सीहोर, अशोकनगर, सागर, भोपाल जिले के तहसील क्षेत्रों में कंपनी के आफिस खोले और 5 हजार से ज्यादा लोगों से कंपनी में निवेश करवाया। पिछले 15 दिनों से कंपनी के ऑफिस मिलने पर लोगों को शक हुआ। जब उन्होंने जांच पड़ताल की तो पता चला कि बैंक उनकी मेहनत की कमाई लेकर भाग गई । इसके बाद लोगो ने बैंक के डायरेक्टर के खिलाफ में शिकायत की थी ।
जब्त की गई हार्वेस्टर।
[ad_2]
Source link