[ad_1]
झारखंड विधानसभा चुनाव में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर मतदान का समय अलग-अलग रखने पर झामुमो ने आपत्ति जताई है। पार्टी महासचिव विनोद पांडेय ने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है।
झामुमो ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
पत्र में कहा है कि जारी अधिसूचना के तहत कोडरमा, बरकह्वा, बरही, मझगांव, सिसई और भवनाथपुर को छोड़कर शेष सभी 75 विधानसभा क्षेत्रों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वोटिंग का समय अलग-अलग रखा गया है। शहरी क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक तो ग्रामीण क्षेत्रों में सात बजे से चार बजे तक। ग्रामीण क्षेत्रों के वोटिंग का समय कम देना सबको समान अवसर दिए जाने के सिद्धांत के प्रतिकूल है। ऐसे में ग्रामीण मतदाताओं को मताधिकार के समान अवसर से वंचित करना होगा।
किस बात का डर
पत्र में लिखा है कि ग्रामीण क्षेत्र में एक बूथ औसतन सात से आठ टोलों या बस्तियों को मिलाकर बनते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन के समुचित साधन भी नहीं हैं। झामुमो गांव एवं गरीब का प्रतिनिधित्व करता है। ग्रामीण क्षेत्रों के वोटरों पर इस कदम का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा मतदान प्रतिशत कम हो जायेगा। इससे निश्चित रूप से जिस पार्टी के समर्थक ग्रामीण क्षेत्रों में रहते है उनको नुकसान उठाना पड़ेगा।
मतदान के अंतर को समाप्त करे आयोग
झामुमो नेता ने लिखा कि चुनाव आयोग हमेशा से सबको समान अवसर देने की प्रतिबद्धता को दुहराता है। साथ ही मतदान प्रतिशत बढ़ाने का भी हर संभव प्रयास करता है। लेकिन यह निर्णय प्रतिबद्धता से विपरीत है। झामुमो का अनुरोध है कि मतदान के समय के अंतर को समाप्त किया जाए, ताकि ग्रामीण एवं शहरी मतदाताओं को समान अवसर मिल सके और उनके संवैधानिक अधिकार की रक्षा भी हो सके।
[ad_2]
Source link