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– अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने भारत को लेकर किया दावा नई दिल्ली,
– अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने भारत को लेकर किया दावा नई दिल्ली, विशेष संवाददाता
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में 2035 तक ऊर्जा की खपत चरम पर होगी। अर्थव्यवस्था के बढ़ने से उस समय तक कोयला आधारित बिजली की मांग 50 फीसदी बढ़ेगी। इसके चलते दस साल बाद भी कोयला बिजली की मौजूदा हिस्सेदारी बनी रहेगी।
रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारत के ऊर्जा सेक्टर में कोयला बिजली की कुल हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। वहीं, 2030 तक 60 गीगावाट बिजली उत्पादन अकेले कोयला पावर प्लांटों से होगा। इससे कोयला आधारित बिजली उत्पादन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट के अनुसार सौर ऊर्जा की तुलना में कोयले से बिजली उत्पादन 30 गुना अधिक रहने का अनुमान है। इसकी वजह सौर संयंत्रों की उत्पादन क्षमता में कमी आना होगी।
अन्य क्षेत्रों में भी वृद्धि
दावा किया गया है एक दशक में भारत के निर्माण क्षेत्र में भारी वृद्धि होगी। देश की सड़कों पर रोजाना 12 हजार नई कारें आएंगी। 2035 तक लौह और इस्पात उत्पादन में 70 फीसदी बढ़ोतरी संभव है। सीमेंट उत्पादन में 55 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। एयर कंडीशन का स्टाक 4.5 गुना तक बढ़ेगा। इन सबसे से 2035 तक कुल ऊर्जा मांग 35 फीसदी बढ़ेगी और बिजली उत्पादन क्षमता 1400 गीगावाट तक पहुंच जाएगी।
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