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राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्टेट अलाइड एंड हैल्थ केयर काउंसिल (आरएसएएचसी) के चैयरपर्सन की नियुक्ति पर रोक लगा दी हैं। राज्य सरकार ने 30 अगस्त को ही डॉ एसएस यादव को इस पद पर नियुक्त किया था।
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जस्टिस सुदेश बंसल की अदालत ने सुनीता शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह रोक लगाई। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने कानून के तहत यह नियुक्ति नहीं की हैं।
दी नेशनल कमिशन फॉर अलाइड एंड हैल्थ प्रोफेशन एक्ट-2021 में प्रावधान है कि इस पर पद पर एक्ट में शामिल किए गए प्रोफेशन में मास्टर डिग्री होल्डर और 25 साल काम करने वाले व्यक्ति को ही चैयरमेन बनाया जा सकता हैं।
रजिस्ट्रेशन और मॉनिटरिंग के लिए बनी है काउंसिल याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि एक्ट के तहत सभी राज्यों में राजस्थान स्टेट अलाइड एंड हैल्थ केयर काउंसिल का गठन किया गया हैं। इस काउंसिल ने पैरा मेडिकल काउंसिल का स्थान लिया हैं।
इस काउंसिल के तहत अब ईसीजी, रेडियोग्राफर, लैब टैक्नीशियन, फीजियो थेरिपस्ट, मेडिकल लेबोट्री, प्राकृतिक चिकित्सा, फीजियो प्रोफेशन सहित अन्य सेवाओं का रजिस्ट्रेशन और मॉनिटरिंग की जा रही हैं।
एक्ट में कहा गया है कि इन्हीं सेवाओं में 25 साल का अनुभव रखने वाला व्यक्ति ही काउंसिल का चैयरमेन बन सकता हैं। लेकिन सरकार ने यूरोलॉजिस्ट डॉ. एसएस यादव को चैयरमेन बना दिया।
हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब डॉ एसएस यादव की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के मेडिकल एंड हैल्थ विभाग, विधि विभाग, डॉ एसएस यादव और केन्द्र सरकार से जवाब मांगा हैं। वहीं कोर्ट ने अगली सुनवाई तक काउंसिल में चैयरमेन के पद पर डॉ. एसएस यादव की नियुक्ति पर रोक लगा दी हैं।
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