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BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी कहा कि चढ़ूनीजी का जो वक्तव्य आया है, उसने एक बार फिर उजागर कर दिया है कि कांग्रेस की जमीन के अंदर क्या छुपा हुआ है। वह स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि हमने कांग्रेस के पक्ष में किसान आंदोलन खड़ा करके माहौल बनाया और कांग्रेस इसका लाभ नहीं ले सकी।
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भारतीय किसान यूनियन के चढ़ूनी गुट के अध्यक्ष और संयुक्त संघर्ष पार्टी के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी की सुरक्षा की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि चढ़ूनी ने जिस तरह से किसानों और कांग्रेस के अंदरूनी गठजोड़ की पोल खोली है, उससे उनकी जान को खतरा है। बिट्टू ने ANI से कहा, “मैं गुरनाम सिंह चढ़ूनी को धन्यवाद देना चाहता हूं। हालांकि देर से ही सही लेकिन उन्होंने सच बोला है और सभी किसान नेताओं को बेनकाब कर दिया है। उन्होंने उजागर किया है कि कैसे कांग्रेस ने उन्हें भाजपा और प्रधानमंत्री के खिलाफ इस्तेमाल किया। चढ़ूनी साहब को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए क्योंकि ये तथाकथित किसान नेता गुंडे हैं और वे उन पर हमला कर सकते हैं।”
बता दें कि चढ़ूनी ने कहा था कि किसानों ने हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सब कुछ वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर छोड़ दिया था और उन्होंने किसी से कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का यही सबसे बड़ा कारण है। चढ़ूनी ने ये भी कहा कि मेरी कांग्रेस नेतृत्व से मांग है कि हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि वह पिछले 10 साल से अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभा सके, जबकि किसान यूनियन ने विपक्ष की भूमिका ठीक से निभाई है।
चढ़ूनी के इस बयान से भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय किसान यूनियन के चढ़ूनी गुट के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बयान से यह साफ हो गया है कि जिस किसान आंदोलन को सहज और स्वाभाविक बताया गया था, वह दरअसल कांग्रेस की ओर से ‘प्रायोजित और पोषित’ था।
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसानों के मुद्दे पर कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, एफसीआई मंत्री प्रहलाद जोशी और मेरी मौजूदगी में एक बैठक हुई। हमने किसानों को भरोसा दिलाया है कि हमने उनकी फसल की खरीद के लिए 44000 करोड़ रुपये जारी किए हैं और फसल खरीदे जाने के बाद, फसल को उठाना, स्टोर करना और उसकी ढुलाई करना केंद्र का काम है। फिर भी मुझे समझ नहीं आता कि कौन और क्यों अफ़वाहें फैला रहा है। मैं किसानों और बिचौलियों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वे आशावादी रहें और अपने पिछले अनुभवों पर ध्यान न दें, इस बार चीजें अलग हैं… केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि अनाज के हर दाने की खरीद सरकार करेगी।”
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