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कोलकाता से रांची आकर परिवार संग पंडाल घूमती हूं
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नवरात्र का उत्साह अपने पूरे शबाब पर है। हर ओर लोग उत्साहित नजर आ रहे है। षष्ठी से ही लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ पूजा पंडाल घूम रहे है। शाम होते ही सड़कों पर भीड़ बढ़ने लगी है, दिन में भी पूजा पंडालों में भी अच्छी खासी भीड़ उमड़ रही है। उत्साह इतना है कि हर शाम हो रही बारिश के बावजूद छाता लिए, रेनकोट पहनें परिवार और दोस्तों के साथ लोग पंडाल हॉपिंग कर रहे है। पूजा पंडाल के बाहर लगे खानें-पीनें के स्टॉल पर चटपटे भोजन का आनंद ले रहे है तो छोटे-बड़े झूले का आनंद ले रहे है।
शयांतनी बताती हैं कि त्योहार मतलब परिवार के साथ समय बिताना। जब तक रांची में थी दुर्गा पूजा के लिए खूब एक्साइटेड रहती थी। लेकिन जब से पढ़ाई के लिए रांची से बाहर गई, सिर्फ त्योहारों में ही घर आना होता है। अब पंडाल घूमने से ज्यादा मम्मी-पापा और भाई के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। देश में सबसे अच्छी दुर्गा पूजा कोलकाता में होती है, लेकिन मैं कोलकाता से रांची आती हूं अपने घर दुर्गा पूजा मनाने।
डंगराटोली के रहने वाले श्रेय खन्ना कहते हैं कि हर साल दुर्गा पूजा पंडाल अपने दोस्तों के साथ ही घूमता हूं। षष्ठी से ही दोस्तों के संग टोलिया बनती है और पूजा पंडाल घूमते हैं। हर दिन दो से तीन पूजा पंडाल घूमते हैं। दोस्तों के साथ रात में पंडाल घूमना अच्छा लगता है। इस साल मैं अपने दोस्त ऋषभ, अग्निवेश के साथ पूजा पंडाल घूमा।
दोस्तों संग घूमने के लिए टोली बनाते हैं : श्रेय
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