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झारखंड में बालू खनन पर लगी एनजीटी की रोक 15 अक्टूबर को हट जाएगी। इसके बाद नदियों से बालू का खनन शुरू हो जाएगा। जिन ठेकेदारों ने घाटों का टेंडर लिया है, उन्होंने पर्यावरण स्वीकृति (ईसी) के लिए आवेदन दिया है। पर्यावरण स्वीकृति मिलने के बाद प्रदूषण कंट्
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इधर, एनजीटी की रोक हटने से पहले ही बालू बिहार से झारखंड में आने लगा है। रांची में एक सप्ताह पहले 6500 रु. में मिलने वाला 100 सीएफटी (एक टर्बो) बालू अब 5,500 रु. में मिल रहा है। लेकिन, बालू कारोबारियों ने चालाकी करते हुए कीमत घटाकर बालू की मात्रा भी घटा दी है। लोगों को 100 सीएफटी की जगह मात्र 70 सीएफटी ही बालू मिल रहा है। बालू कारोबारी प्रति ट्रक 1000 रु. घटाकर दो हजार का चूना लगा रहे हैं।
रांची में 10 घाटों का दोबारा टेंडर, सिर्फ एक को मिला ईसी
रांची में कैटेगरी 2 के 19 बालू घाट हैं। इनसे रोजाना 300 हाईवा से अधिक बालू निकलता था। प्रशासन ने पिछले वर्ष सभी घाटों का टेंडर किया था ,लेकिन 10 ठेकेदारों ने ठेका सरेंडर कर दिया। पिछले माह 10 घाटों का टेंडर कर दिया गया। लेकिन इन घाटों से अभी बालू मिलना मुश्किल है। क्योंकि, मात्र सुंडील के एक घाट का ही पर्यावरण स्वीकृति मिली है। 17 घाटों का एनओसी लेने की प्रक्रिया चल रही है।
ईसी मिलने के बाद 444 घाटों से शुरू होगा बालू का उठाव
राज्य में कैटेगरी 2 के 444 बालू घाट हैं। इनका टेंडर पिछले वर्ष किया गया था, लेकिन ईसी, सीटीई व सीटीओ नहीं मिलने की वजह से खनन शुरू नहीं हो पाया। जिला द्वारा डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में देरी की वजह से पूरे राज्य में बालू की जबर्दस्त किल्लत शुरू हो गई थी। इसके बाद अवैध बालू का खनन शुरू हुआ। इस वजह से दो माह पहले तक चोरी -छिपे बालू मिल रहा था। 100 सीएफटी बालू के लिए 9000 रुपए तक वसूले गए थे।
1000 रुपए घटाया, 2000 का चूना लगा रहे
बालू विक्रेता पहले 100 सीएफटी बालू के लिए 6500 रुपए चार्ज कर रहे थे। प्रति सीएफटी 65 रुपए की दर से बालू बिक रहा था। अब कारोबारियों ने ट्रक का डाला छोटा कर दिया गया है। 100 सीएफटी बताकर 70 सीएफटी ही बालू दिया जा रहा है। यानी 30 सीएफटी कम। 30 सीएफटी बालू की कीमत 1950 रुपए है। इसका मतलब है कि प्रति ट्रक 1000 रु. घटाकर कारोबारी 1950 रुपए का कम बालू दे रहे हैं।
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