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दिल्ली के सरोजिनी नगर में सीवर टैंक में उतरे दो श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि उनको बचाने के लिए उतरा एक अन्य मजदूर बीमार हो गया। मजदूरों ने उचित सुरक्षा उपकरण नहीं पहने थे।
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के सरोजिनी नगर में एक निर्माणाधीन मकान स्थल पर सीवर टैंक में दो श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि जहरीली गैस लगने से एक अन्य बीमार हो गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि घटना मंगलवार दोपहर की है, जब मजदूर सफाई के लिए टैंक के अंदर उतरे थे। यह टैंक इस्तेमाल में नहीं था। ऐसा संदेह है कि मजदूरों की मौत जहरीली गैस से हुई। मजदूरों ने उचित सुरक्षा उपकरण नहीं पहने थे।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि इस घटना की बाबत सरोजिनी नगर थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1)/125/125(ए) के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले की गहन जांच की जा रही है। घटना मेट्रो गेट नंबर 2 के पास पिलंजी गांव में एनबीसीसी निर्माण स्थल पर हुई। पता चला कि दो मजदूर गटर से कचरा निकाल रहे थे और बेहोश हो गए। उन्हें निकालने के लिए एक और मजदूर अंदर गया और वह भी बेहोश हो गया।
बाद में क्रेन और मशीनों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया। सभी को एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया। इनमें से एक यूपी के हमीरपुर का जबकि दूसरा बिहार के गोपालगंज का रहने वाला था। वहीं बीमार पड़े पश्चिम बंगाल के पश्चिमी दिनाजपुर के व्यक्ति का इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है। परिजनों का आरोप है कि मजदूरों को कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे।
निर्माण स्थल पर काम करने वाले एक अन्य मजदूर ने बताया कि शुरुआत में एक मजदूर सीवर के अंदर गया था। बाद में अन्य दो उसे बचाने के लिए अंदर गए, लेकिन सभी की तबियत खराब हो गई। यह कंपनी और सुपरवाइजर की ओर से लापरवाही है। वे हमें बिना किसी उचित सुरक्षा उपकरण के निर्माण स्थल पर काम करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अस्पताल में उपचाराधीन शख्स की पत्नी ने कहा कि उसने अपने पति को सीवर में नहीं जाने की चेतावनी दी थी।
महिला ने बताया कि वास्तव में दो अन्य मजदूरों ने प्रवेश करने से इनकार कर दिया। मुझे नहीं पता कि मेरे पति बिना किसी सुरक्षा उपकरण के अंदर क्यों गए। उन्होंने कहा कि उनके दो बच्चे हैं। पुलिस ने घटना के संबंध में ठेकेदार और सुपरवाइजर से पूछताछ की है। पुलिस ने अन्य मजदूरों के बयान भी लिए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि एनबीसीसी ने निर्माण स्थल पर निर्माण का ठेका दूसरी कंपनी को दिया था।
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