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सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर आज राजगढ़ की नेवज नदी के शिवघाट के तट पर सामूहिक तर्पण का आयोजन किया गया। इस दौरान पितृ पक्ष के अंतिम दिन लोगों ने एक साथ बैठकर पंडित द्वारा किए गए मंत्र उच्चारण के साथ हवन-पूजन कर अपने पितरों को विदाई दी।
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पंडित दीपक जोशी ने बताया कि हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार पितृ पक्ष में पितृ लोक से आने वाले पितरों, जो सूक्ष्म शरीर धारी होते हैं उन्हें अपनी श्रद्धा, तर्पण के माध्यम से अर्पित करते हैं। इसे ही श्राद्ध कहा जाता है। वे तुष्ट होकर सुख समृद्धि का आशीष प्रदान करते हैं।
इसी निमित्त देव पूजन के पश्चात देवताओं, ऋषियों, दिव्य महामानव, यम देवता को तर्पण प्रदान करके अपने पितरों को तर्पण करते हैं।
ऐसे करें तर्पण
– अमावस्या तिथि पर स्नान करके पितरों को याद करते हुए आमंत्रित करें। ब्राह्मणों को सात्विक भोजन कराएं।
– गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए।
– लोटे में तिल डालकर दक्षिण मुखी होकर पितरों को जल अर्पित करना चाहिए।
– भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देव एवं चीटिंयों के लिये भोजन का अंश निकालकर खिलाएं।
– ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।
पितृ पक्ष पर लोगों ने नदी में स्नान किया और पितरों की विदाई दी।
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