[ad_1]
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आतंकवाद की फंडिंग मामले में लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद की अंतरिम जमानत की अवधि 12 अक्टूबर तक बढ़ा दी। इसके साथ ही अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने रशीद को 13 अक्टूबर को संबंधित जेल में आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया।
इससे पहले जज ने 10 सितंबर को रशीद को दो अक्टूबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी। इंजीनियर रशीद उर्फ शेख अब्दुल रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था।
अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के अध्यक्ष रशीद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया था। राज्य में विधानसभा चुनाव मंगलवार को संपन्न हो गए। रशीद को दो लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर राहत दी गयी थी।
न्यायाधीश ने रशीद पर विभिन्न शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह गवाहों या जांच को प्रभावित नहीं करेंगे। अदालत ने पांच जुलाई को रशीद को लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेने के लिए हिरासती पैरोल दी थी।
साल 2017 के आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद से ही वह तिहाड़ जेल में बंद थे।
रशीद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था, जिसे NIA ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्तपोषित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
NIA ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
[ad_2]
Source link