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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के प्रयासों के चलते भारत अब रक्षा निर्यातक के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने 277वें वार्षिक समारोह में स्पर्श प्रणाली की सफलता और…
कहा, आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के प्रयासों के कारण भारत बना निर्यातक भारत मंडपम में रक्षा लेखा विभाग के 277वें वार्षिक समारोह में बोले रक्षा मंत्री
नई दिल्ली, एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के प्रयासों के कारण भारत को आज रक्षा निर्यातक के रूप में देखा जा रहा है। अब तक कुल 32 लाख रक्षा पेंशनभोगियों में से 30 लाख को स्पर्श (पेंशन प्रशासन प्रणाली (रक्षा) पोर्टल से सफलतापूर्वक जोड़ा जा चुका है। भारत मंडपम में रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) के 277वें वार्षिक दिवस समारोह में उन्होंने यह बात कही।
रक्षा मंत्री ने कहा कि स्पर्श एक वेब-आधारित प्रणाली है, जो पेंशन दावों को संसाधित करने और बिना किसी बाहरी मध्यस्थ के सीधे रक्षा पेंशनभोगियों के बैंक खातों में पेंशन जमा करने के लिए है। रक्षा लेखा विभाग द्वारा प्रौद्योगिकी अपनाने पर ध्यान केंद्रित करने की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद, विभाग इस वेब-आधारित प्रणाली के कार्यान्वयन में सफल रहा है।
स्पर्श ऑडिट मैनुअल विभाग द्वारा इस दिन को चिह्नित करने के लिए लॉन्च किए गए प्रकाशनों में से एक था। अन्य प्रकाशनों और पहलों में रक्षा व्यय पर व्यापक सांख्यिकी पुस्तिका 2024, मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट 2023-24 और रक्षा यात्रा प्रणाली 2.0 शामिल हैं।
उन्होंने रक्षा से संबंधित नीतियों और प्रस्तावों में आवश्यक सुधार की ओर ले जाने वाले हर छोटे विवरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विभाग की सराहना की। पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में हासिल की गई प्रगति पर विचार करते हुए, सिंह ने कहा कि एक समय था जब अधिग्रहण मुख्य रूप से आयात पर निर्भर थे, और अर्थव्यवस्था पर रक्षा व्यय का सकारात्मक प्रभाव बहुत सीमित था।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों के कारण, भारत आज एक रक्षा निर्यातक के रूप में देखा जाता है। राजनाथ सिंह ने विभाग से रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इसे ‘उत्कृष्टता का केंद्र बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने एक मजबूत और व्यापक डेटा प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने की भी वकालत की, जो देश की अर्थव्यवस्था पर रक्षा व्यय के प्रभाव पर सरकार को विश्लेषणात्मक रिपोर्ट देती है, जैसे कि राजस्व और रोजगार सृजन में रक्षा विक्रेताओं का योगदान।
उन्होंने कहा, यह एक समग्र नीति व्यवस्था स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे ‘सरकार के समग्र दृष्टिकोण’ की भावना विकसित होगी। राजनाथ ने विभाग को अपनी सोच में नवीनता बनाए रखने तथा रक्षा लेखांकन और वित्तीय प्रबंधन में नए क्षेत्रों की खोज जारी रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री के ‘2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को योगदान देना होगा।
दो टीमों को मिले उत्कृष्टता पुरस्कार :
रक्षा मंत्री ने प्रमुख विभागीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अनुकरणीय पहल प्रदर्शित करने के लिए दो टीमों को उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार 2024 भी प्रदान किए। टीमों में पीसीडीए (पेंशन) प्रयागराज को ‘शिकायतों के निवारण में मील का पत्थर हासिल करने’ के लिए तथा पीआईएफए (वायुसेना) नई दिल्ली को ‘स्वचालित पुनःपूर्ति प्रणाली (एआरएस) स्केल विश्लेषण के लिए शामिल किया गया। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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