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झारखंड में पत्नी की इच्छा के विरूद्ध जबरन यौन संबंध बनाने से जुड़े 9 साल पुराने मामले में दोषी करार पति रणधीर वर्मा को अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने सोमवार को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अदालत ने 25 सितंबर को उक्त आरोप में दोषी पाया था।
अभियुक्त को दोषी पाए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था। मामले को लेकर पीड़िता ने कोतवाली थाना में अप्रैल 2015 को नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले में सुनवाई के दौरान एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने अदालत के समक्ष ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किया था। वहीं, अभियुक्त रणधीर वर्मा के खिलाफ उसकी पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए सुखदेव नगर थाना में 2 जून 2016 को नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में भी अदालत ने उसे दोषी पाकर तीन साल कैद की सजा सुनाई है।
कोर्ट में पत्नी को कहने लगा बहन
मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त रणधीर वर्मा अपनी पत्नी को बहन-बहन कहकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की थी। कोर्ट में कहा कि जिसने मेरे ऊपर आरोप लगाई है, वह बहन के समान है। लेकिन, एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने उसके मंसूबों को नाकाम कर दिया। कोर्ट में जब पीड़िता आई तो अभियुक्त की पोल खुल गई। अदालत ने भी समझा कि अभियुक्त बहुत शातिर है। अपराध को छुपाने की कोशिश कर रहा है।
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शादी का झांसा देकर 15 साल की युवती के साथ लगातार एक साल तक यौन संबंध बनाने के मामले में दोषी अभियुक्त तमाड़ के उलिडीह निवासी सत्यनारायण स्वांसी उर्फ हलरा स्वांसी को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश आसिफ इकबाल की अदालत ने सोमवार को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 15 हजार का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने नहीं देने पर उसे छह महीने जेल की सजा काटनी होगी। घटना को लेकर पीड़िता ने 25 जुलाई 2022 को तमाड़ थाना में केस दर्ज कराया गया था। इसमें आरोप लगाया गया था अभियुक्त ने झांसा देकर लगातार यौन संबंध बनाया। इससे एक बच्ची का जन्म भी हुआ। शादी से इनकार किया। शादी करने के एवज में एक लाख रुपए की मांग भी की थी।
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