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झारखंड स्टेट सर्विस कमीशन (जेएसएससी) की ओर से 21 और 22 सितंबर को आयोजित कॉमन ग्रेजुएट लेवल एग्जाम (सीजीएल) परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी सोमवार को जेएसएससी कार्यालय के पास धरना देने पहुंचे। दिन भर के प्रदर्शन के बाद देर शाम पत्थरबाजी की भी सूचना है। इसमें इस कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए।
जेएसएससी कार्यालय के पास दो अक्तूबर तक सौ मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू होने के बाद भी सोमवार को बड़ी संख्या में अभ्यर्थी कार्यालय के पास धरना-प्रदर्शन को पहुंचे। उनका कहना था कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। परीक्षा में पेपर लीक हुआ है, जो भी आरोप लगाए हैं वे पूरी तरह से सही हैं। कहा, अगर हम गलत हैं तो कानून है, उस आधार पर सरकार कार्रवाई करे। कहा, सरकार को नोटिस का जवाब तुरंत चाहिए। लेकिन, चार दिन पहले जो प्रमाण दिए हैं उसका कोई जवाब नहीं है। इस दौरान कार्यालय के पास बड़ी संख्या में सुरक्षा-व्यवस्था में पुलिसकर्मी तैनात थे।
अभ्यर्थियों ने कहा, हमें अपराधियों की तरह नोटिस दिया गया। हमने सभी साक्ष्य चार दिन पहले ही दे दिए। एक सीडी और एक पेन ड्राइव दिया। सीडी को ब्लैंक बताया जा रहा है। पेन ड्राइव के बारे में क्यों नहीं कहा जा रहा है। टेक्निकल एरर हो सकता है, लेकिन ब्लैंक नहीं। इस संबंध में मीडिया के सामने ट्रायल के लिए तैयार हैं। कहा, हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है। परीक्षा जबतक रद्द नहीं होगी, आंदोलन करेंगे।
तीन सदस्यीय जांच समिति गठित है
राज्यपाल संतोष गंगवार द्वारा अभ्यर्थियों की शिकायतों की जांच के लिए आयोग को लिखे गए पत्र के मद्देनजर भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए जेएसएससी ने पिछले सप्ताह तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है।
भारी सुरक्षा के बीच आंदोलन करते रहे अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों के आंदोलन को देखते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई। भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है। सोमवार को फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर मौजूद थीं। सोमवार को सुबह से ही अभ्यर्थी कार्यालय की ओर पहुंचने लगे थे। धरना-प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार और आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े हैं।
जांच पूरी होने के बाद ही रिजल्ट का आश्वासन
वहीं, अभ्यर्थियों का 11 सदस्यीय दल जेएसएससी कार्यालय में सचिव से मिला। इस दौरान अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया गया कि जब तक जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती रिजल्ट का प्रकाशन नहीं होगा। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कुणाल प्रताप सिंह ने बताया कि पहले तो जेएसएससी के पदाधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं हो रहे थे, बाद में उन्होंने बातों को सुना और हमारी बातों को सुनने के बाद आश्वासन दिया। हालांकि, अभ्यर्थियों का कहना है की उनके पास पूरा साक्ष्य है अब कोर्ट से लड़ाई लड़ेंगे।
कांके थाना प्रभारी की उंगली में लगी चोट
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय का घेराव करने पहुंचे छात्रों ने शाम में पत्थरबाजी की। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। कांके थाना प्रभारी की उंगली में चोट लगी। अभ्यर्थियों का कहना था कि उनके आंदोलन को विफल करने के लिए कई लोग ऐसे हैं जो जानबूझकर ऐसा कर रहे। हालांकि, हल्की पत्थरबाजी हुई थी। जिसके बाद डीएसपी समेत अन्य पुलिसकर्मियों से बातचीत कर मामले को सुलझा लिया गया। पुलिसकर्मियों के तरफ से कोई जवाबी कार्यवाई नहीं की गई।
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